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अन्नपूर्णा यज्ञ में प्रसाद के लिए बनी 17 कुंतल की लिट्टी

दुनिया कि सबसे बड़ी जलेबी और समोसा बनाने के बाद अब सबसे बड़ी लिट्टी बनाने का रिकार्ड

नरेंद्र प्रताप शर्मा

नेबुआ नौरंगिया (कुशीनगर), 15 अक्टूबर।  जिले के विशुनपुरा ब्लाक  के नाहर छपरा के सरेह में झरही नदी के किनारे स्थित पिजवा स्थान में अन्नपूर्णा यज्ञ के दौरान बनने वाले 17 कुंतल से अधिक वजन की लिट्टी क्षेत्र में चर्चा का विषय  बनी है जिसे देखने के लिए लोगो का हुजूम उमड़ रहा है।
प्राचीन मंदिर के विषय में कई किंवदंतिया प्रचलित है  पुजारी रतन दास पुरी के मुताबिक देवी की प्रेरणा से अन्नपूर्णा महायज्ञ का विचार हुआ जिसे क्षेत्रीय लोगों का भरपूर समर्थन मिला। इसी दौरान 15 कुंतल के गिरनाल (लिट्टी) बनाने का विचार आया। तीन महीने के अथक प्रयास के बाद बनकर तैयार इस लिट्टी को प्रसाद स्वरुप लोगो में बांटा जायेगा।
लिट्टी बनाने में 12 कुंतल आटा, 2 कुंतल सूजी,  1 कुंतल फार्चून तेल , 1 कुंतल चीनी,  50 किलो देशी घी 50 किलो पंचमेवा तथा 100 लीटर पानी का प्रयोग हुआ
4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक 20 फिट व्यास के लोहे का कड़ाह तैयार करने के बाद 11 अक्टूबर को 24 फुट व्यास का गड्डा खोद कड़ाह  को सेट किया गया।  8 कुंतल उपला व् 200 कुंतल भूसी को जला कर आग बनाई गई। 30 लोगों द्वारा 12 घंटे में लिट्टी के लिए सामग्री तैयार हुई। 13 अक्टूबर को लिट्टी को पकाने का कम शुरू हुआ अगले 12 घंटे पकने के बाद लगभग 12 घंटे तक ठंडा किया गया। अब  17 अक्टूबर को अन्नपूर्णा महायज्ञ के पूर्णाहुति पर श्रद्धालुओ में इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जायेगा।

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