प्रमुख सचिव गृह से बात कर ए लेवल का बनाने की मांग की
गोरखपुर ,3 फरवरी । नगर विधायक डाक्टर राधामोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर में निर्माणाधीन विधि विज्ञान प्रयोगशाला को बी लेवल का बनाये जाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए इसे ए लेवल का बनाये जाने की मांग की है. उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, पुलिस महानिदेशक ( तकनीकी ) मयंक मोदी से बात भी की.
डॉ अग्रवाल ने शुक्रवार को निर्माणाधीन विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निरीक्षण किया. उनके साथ सम्बंधित अधिकारी भी थे. जब उन्हें पता चला कि गोरखपुर में बन रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला बी लेवल का है तो वह नाराज हुए. उन्होंने बताया गया कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में उच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने 15 विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्वीकृत किये थे। आजमगढ़ तथा कन्नौज जैसे छोटे शहरों में तो “ए लेवल” की प्रयोगशाला स्वीकृत की जबकि और भारत-नेपाल सीमा का सबसे महत्वपूर्ण शहर होने के बावजूद गोरखपुर में “बी लेवल” की प्रयोगशाला स्वीकृत किया गया.
नगर विधायक ने कहा कि बी लेवल की प्रयोगशाला में विस्फोटक सामग्रियों की जांच , डीएनए टेस्टिंग ,नार्को एनालिसिस तथा फोरेन्सिक एकाउस्टींग की व्यवस्था और सुविधा नहीं होती है । भारत – नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर होने तथा इस रास्ते आतंकवादी गतिविधियों के पुराने इतिहास को देखते हुए तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे प्रमुख शहर होने के बावजूद यह सुविधा गोरखपुर के जगह आजमगढ़ को दे दी गई ।
उन्होंने पहले पुलिस महानिदेशक(तकनीकी) से बात की और उन्हें गोरखपुर की निर्माणाधीन प्रयोगशाला को अपग्रेड करके ए लेवल का बनाने के लिए कहा । उनसे जानकारी लेकर नगर विधायक ने प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार से बात की और उन्हें गोरखपुर के सुरक्षा महत्व तथा मुख्यमंत्री की कर्मभूमि के आधार प्राथमिकता पर अपग्रेडेशन की कार्यवाही करने के लिए कहा ।
नगर विधायक ने प्रमुख सचिव गृह से इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई कि शासन द्वारा दूसरी किस्त न आवंटित करने के कारण पिछले पांच माह से निर्माण कार्य ठप है । उन्होंने प्रमुख सचिव को तत्काल अवशेष रू 20 करोड़ अवमुक्त करने के लिए कहा। निरीक्षण के दौरान विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक अधिकारी अवधेश कुमार तिवारी ,कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम के सभी अधिकारी , छोटेकाजीपुर के पार्षद अमरनाथ यादव तथा नकहा के पार्षद राजेश यादव उपस्थित थे।