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जिला अस्पताल की मर्चरी के फ्रीज़र खराब,सड़ रहे हैं शव

गोरखपुर , 28 अप्रैल। गोरखपुर के जिला अस्पताल के मर्चरी हॉउस में पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने वाले शवों को रखने के लिए बने फ्रीजर एक माह से खराब हैं जिसके कारण लाशें सड़ रही है।
ऐसे में सड़ी लाशों का अगर पोस्टमार्टम हो भी जाये तो नतीजा क्या मिलेगा यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
जिला मुख्यालय पर बने जिला अस्पताल में पूरे जिले के मरीज इलाज़ के लिए आते हैं। आपराधिक घटनाओं में घायल लोगों की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर या दुर्घटनाओं में मरे लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के वक़्त तक सुरक्षित रखने के लिए एक पुरानी बिल्डिंग के 8 गुणे 10 के कमरे में तीन फ्रीजर स्थापित किये गए हैं। इन फ्रीजरों में मुकामी पुलिस मृत व्यक्तियो के परिजनों के आने तक शव रखवाती है और क़ानूनी कार्रवाई पूरी होते ही मेडिकल कालेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेज देती है।  इस मर्चरी हाउस के बगल में ही जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ और जिला अस्पताल के प्रभारी एसआईसी दोनों का कार्यालय है। साथ ही महज 100 कदम दूर जिले के डीएम और एसएसपी भी बैठते है।
बावजूद इसके मर्चरी हाउस के तीनों फ्रीजर महीने भर से खराब चल रहे है।
ऐसे में डेडबॉडी को खराब होने से बचाने के लिए परिजन अपनी जेब ढीली करके बाहर से बर्फ की सिल्ली मंगवाकर उस पर सुरक्षित करते है और सम्बंधित पुलिस कर्मियों को रिश्वत देकर शव जल्द से जल्द पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज भिजवाने का प्रबंध करते हैं। इस वक्त यहाँ चार शव रखे हुए हैं। दो शव चार दिन पूर्व दुर्घटनाओं में लावारिस हाल में लायी गयी थी और उनका कोई पुरसाहाल नहीं है। ये दोनों शव सड़ गए हैं।

मर्चरी की देखभाल कर रही तारा ने बताया कि फ्रीजर खराब हो गया है। पुलिस की जिम्मेदारी है कि जल्द से जल्द शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे।

इस सम्बन्ध में जब जिला अस्पताल के प्रभारी व एस आई सी डॉ एच आर यादव तथा जिले के सी एम ओ डॉ रविन्द्र कुमार से मोर्चरी की दुर्व्यवस्था पर बात की गयी तो दोनों का ही जवाब था कि मोर्चरी के सम्बन्ध में शासन को पत्र भेज दिया गया है। अपने स्तर से उसे मरम्मत कराया जा रहा है।रही बात शवों के चार दिन से सड़ने की तो ये अधिकार क्षेत्र पुलिस का है। अगर पुलिस शव नही ले जाती है तो हम क्या करे।

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