महाराजगंज, 22 जून। नेपाल के पहाड़ पर हो रही बारिश के चलते भारतीय सीमा के तीन स्थानो पर महाव नाला का तटबंध बुधवार को दोपहर टूट गया। सिंचाई विभाग ने किसानों की फसल की नाले से हर साल हो रही बर्बादी के लिए कुछ स्थान पर काम तो किया लेकिन संसाधन के साथ ही धन के अभाव मे बचाव कार्य नाकाम हो गया। महाव के जद मे आने वाले किसानों की तकदीर को संवारने के लिए न तो शासन गम्भीर है न ही जनप्रतिनिधि और प्रशासन ।
नौतनवा तहसील क्षेत्र के परसा मलिक और बरगदवा थाना क्षेत्र से हो कर बहने वाला महाव नाला किसानो के लिए अभिशाप बन गया है। साल दर साल टूट रहे महाव का तटबंध किसानो के कमर तोड़ रहा है । बुधवार को दोपहर बारह बजे के लगभग कोहरगड्डी के छितवनिया गांव के सामने लोग अपने खेतो मे धान की रोपाई कर रहे थे कि पश्चिम छोर परशुराम यादव के खेत के सामने महाव नाला का तटबंध टूट गया । इस के कुछ समय बाद खैरहवा दूबे गांव के सामने पश्चिम छोर और चकरार गांव के पास पूर्वी महाव का तटबंध टूट गया । किसानो को उम्मीद था कि सिंचाई विभाग इस साल बर्बादी से बचाने मे सफल होगा । जबकि सिंचाई विभाग चिन्हित स्थानो पर समय रहते ही कार्य करने मे सफल हो जाएगा लेकिन सीमित संसाधन एक ही पोकलैंड मशीन और धन की कमी ने किसानो को मर्माहत कर दिया । सिंचाई विभाग ने महाव नाला पर अनुरक्षण मद से दस लाख रुपये से 11 जर्जर स्थान पर काम कराना था। अभी तक मात्र पांच स्थान पर ही कार्य हो सका है ।
फिलहाल महाव नाला खेतो मे पानी भरते हुए तेज़ी से गांव के आबादी की ओर बढ रहा है ।