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पीस पार्टी को बड़ा झटका, प्रदेश महासचिव जाफर अली जिप्पू की बसपा में वापसी

मुख्तार अंसारी के पार्टी में आने से सामाजिक सौहार्द कायम होगा : बसपा जोन कोआर्डिनेटर श्रवण कुमार निराला 

सैयद फरहान अहमद

गोरखपुर, 31 जनवरी। चुनाव प्रकिया की तिथि जैसे-जैसे करीब आ रही हैं राजनीतिक दलों की धड़कन तेज होती जा रही हैं। बड़े दलों में टिकट बटने के बाद घमासान मचा हुआ हैं। अब यह घमासान छोटे दलों में भी नजर आ रहा हैं। पीस पार्टी को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। प्रेस क्लब सभागार में पार्टी के प्रदेश महासचिव जाफर अली जिप्पू ने पीस पार्टी को बाय-बाय कर बसपा में घर वापसी की हैं।

इस दौरान बसपा के जिलाध्यक्ष सुरेश भारती, जोन कोआर्डिनेटर श्रवण कुमार निराला, सुरेश कुमार भारती, मंडल जोन कोअार्डिनेटर हरि प्रकाश निषाद व गोरखपुर ग्रामीण से बसपा प्रत्याशी राजेश पांडेय मौजूद रहे। बतातें चलें कि जाफर अली जिप्पू बसपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं दो बार बसपा के टिकट से गोरखपुर से चुनाव लड़े और दूसरा स्थान हासिल किया। बाद में इन्होंने पीस पार्टी का दामन थाम लिया।
इस मौके पर जोन कोआर्डिनेटर श्रवण कुमार निराला ने बाहुबली राजा भैया का नाम लेकर सपा को गुंडों माफिया की सरकार बताया। वहीं मुख्तार अंसारी व उनके परिवार को सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाला बताया। वहीं कहा कि बसपा में मुख्तार अंसारी के आने से सामाजिक सौहार्द कायम होगा। मुख्तार अंसारी पर मुकदमा राजनीतिक विद्वेष वश हैं। यह परिवार तो स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया हैं। अपने क्षेत्र में मुख्तार ने बेहतर कार्य किया हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन पर कहा कि सपा हारने वाली हैं इसलिए हार का ठीकरा किसी के सर पर तो फोड़ना ही हैं, इसलिए कांग्रेस से गठबंधन किया। बसपा सांप्रदायिक, गुंडे माफिया ताकतों को हरा कर 350 प्लस सीटें जीतेगी। मायावती मुख्यमंत्री बनेंगी। कानून व विकास का राज कायम होगा।
जाफर अली जिप्पू ने कहा अब हमारा एक लक्ष्य हैं बहन मायावती को मुख्यमंत्री बनाना। साम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने व वोट बिखराव को रोकने के लिए घर वापसी की हैं। पीस पार्टी सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में सक्षम नहीं हैं।
जिप्पू के साथ उनके समर्थकों ने भी बसपा का दामन थामा। बसपा की सदस्यता ग्रहण करने वालों में पीस पार्टी के महानगर अध्यक्ष तारिक आलम, जिला उपाध्यक्ष राशिद बब्लू, जिला सचिव मो. अरशद, मो. सलीम, मो.अफजाल अंसारी, सचिव मोहम्मद सलीम, मोहम्मद इस्लाम, मो. रईस सहित पीस पार्टी व एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने भी सदस्यता ग्रहण की। पीस पार्टी की यह बड़ी हानि मानी जा रही हैं। जिप्पू के बसपा में आने से प्रत्याशियों को हालांकि ज्यादा लाभ तो नहीं मिलेगा। लेकिन पीस पार्टी का संगठनात्मक ढ़ाचा जरुर कमजोर होगा।

बतातें चलें कि पीस पार्टी ने इस चुनाव में निषाद दल व महान दल से गठबंधन किया हैं। गोरखपुर की नौ सीटों में से गोरखपुर शहर की सीट ही पीस पार्टी के खाते में आयी हैं। पार्टी छोड़ने की एक प्रमुख वजह यह हो सकती हैं लेकिन जिप्पू ने इससे इंकार किया। पिछले चुनाव में पीस पार्टी ने गोरखपुर ग्रामीण से करीब आठ हजार बटोर सपा-बसपा की गणित बिगाड़ दी थीं। वहीं सहजनवां में करीब 16 हजार वोट हासिल किए थे।
अभी कुछ माह पहले पीस पार्टी के अध्यक्ष के रवैय्ये की वजह से हाजी इब्तेदा हुसैन और बाद में आदिल अमीन ने जिलाध्यक्ष पद छोड़ दिया था। हालांकि इब्तेदा को पार्टी में दूसरा ओहदा दे दिया गया लेकिन आदिल अमीन ने पार्टी से किनारा करना ही बेहतर समझा।

वर्ष 2012 के चुनाव में गोरखपुर की आठ सीटों पर पीस पार्टी की स्थिति
1. कैंपियरगंज- सरवन निषाद- 8 वा स्थान- 1547 वोट
2. पिपराइच- सुरेंद्र कुमार- 9वां स्थान- 1149 वोट
3. सहजनवां- सुरेन्द्र- 5 वां स्थान- 16232 वोट
4. चौरी-चौरा- हरीलाल- 5वां स्थान-9838
5.खजनी (सु)-शंभू- 5वां स्थान- 4736
6.बांसगांव (सु)- कुमार राजेश- 8वां स्थान-1624 वोट
7. गोरखपुर शहर-डा. विजय कुमार- 5वां स्थान- 2187
8. गोरखपुर ग्रामीण- छेदीलाल- 5वां स्थान- 8490 वोट⁠⁠⁠⁠

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