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मरीज को भर्ती कराने आए सामाजिक कार्यकर्ता को मेडिकल कालेज के डाॅक्टरों ने पीटा

मरीज को स्ट्रेचर समेत बाहर निकाला
गोरखपुर, 30 अप्रैल। बीआरडी मेडिकल कालेज के नेहरू चिकित्सालय में डाॅक्टरों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटनाएं बढ़ती जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अख्तर अली के साथ 28 अप्रैल की शाम को सात बजे टामा सेंटर में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और उसके सहयोगियों ने पीटा। अख्तर गंभीर रूप से बीमार मरीज को भर्ती कराने गए थे। चिकित्सकों ने मरीज को भर्ती भी नहीं किया।
सैयद अख्तर अली रसूलपुर में रहते हैं। उनके पड़ोसी गंभीर रूप से बीमार है। उनकों लिवर सिरोसिस के अलावा हेड इंजरी है। उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। अख्तर ने मरीज को 23 अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती किया जहां उनका इलाज चल रहा था। हालत में सुधार न होने और स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सकों ने मरीज को 28 अप्रैल की शाम बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। अख्तर मरीज को लेकर शाम सात बजे मेडिकल कालेज पहुंचे।
एमरजेंसी में मरीज का रजिस्ट्रेशन ( स्लिप न॰ 18860) कराने के बाद उन्हें एमरजेंसी के हेडइंजरी विभाग में ऑन ड्यूटी डॉक्टरों के पास भेजा गया। अख्तर जब वहां पहुचे तो ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने उटपटांग सवाल करने शुरू कर दिए। पहले उन्होंने कहा कि सवेरे क्यों नहीं आए । अख्तर ने कहा कि जिला अस्पताल के चिकत्सकों ने शाम को रेफर किया और वह तुरन्त एम्बुलेंस लेकर आए हैं। फिर डॉक्टरों ने कहा कि वह मरीज को भर्ती नहीं कर सकते। इस पर अख्तर ने मरीज की स्थिति का हवाला देते हुए आग्रह किया कि उनका तुरन्त इलाज जरूरी है। इस पर डाॅक्टर नाराज हो गए और कहा कि वह उन्हें ही भर्ती करेंगे। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें गालियां देते हुए मारपीट शुरू कर दी। एक डॉक्टर ने तो सुरक्षा में तैनात गार्ड का डंडा छीनकर उनके सिर पर मारने का भी प्रयास किया। वार्ड में उपस्थित अन्य मरीजों के परिजनो और उनके साथ आये सरकारी एम्बलेंस के सहायक द्वारा किसी तरह उन्हें बचाकर निकाला गया। डाॅक्टरों ने मरीज को भी भर्ती नहीं किया और स्ट्रेचर समेत बाहर कर दिया। रजिस्ट्रेशन स्लिप भी छीन ली गयी।

 
अख्तर अली ने घटना की सूचना मेडिकल कालेज के प्राचार्य को भी फोन पर दी लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद उन्होंने मेडिकल कालेज चैकी पर घटना के संबंध में तहरीर देकर दोषी डाॅक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की लेकिन अभी तक उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अख्तर ने बताया कि वह इस घटना की शिकायत मुख्य सचिव मेडिकल एजुकेशन, मुख्यमंत्री, मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया में भी करेंगे और न्याय मिलने तक लड़ाई लड़ेंगे।

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