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राजपा के राष्ट्रीय सह महासचिव मिर्ज़ा अरशद बेग नेकपा एमाले में शामिल

नेपाल में बदल रहे हैं राजनीतिक समीकरण

सग़ीर ए खकसार
वरिष्ठ पत्रकार
सिद्धार्थनगर, 23 सितम्बर। नेपाल में  विधान सभा और लोक सभा के चुनाव नवम्बर के आखिरी हफ्ते और दिसम्बर के पहले हफ्ते में होने की संभावना है।फिलवक्त नेपाल में नए नए राजनैतिक समीकरण उभर रहे हैं।विभिन्न विभिन्न सियासी दलों के नेता नए राजनैतिक परिदृश्य के हिसाब से अपना अपना राजनैतिक भविष्य साधने में अभी से जुट गए हैं।नेपाल में हालिया स्थानीय चुनाव और उससे पूर्व के चुनाव में मधेशी दलों के जनाधार में कमी आयी है। नेपाल की राष्ट्रीय पार्टियों नेकपा एमाले, नेपाली कांग्रेस और माओवादी केंद्र का प्रदर्शन शानदार रहा है. परिणाम स्वरूप नेपाल की राष्ट्रीय पार्टियों की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है।मधेशी वादी दल राष्ट्रीय जनता पार्टी को आज एक बड़ा झटका लगा। सदभावना पार्टी से लोकसभा सदस्य के कपिलवस्तु से उम्मीदवार रहे और राजपा के राष्ट्रीय सह महासचिव  मिर्ज़ा अरशद बेग ने राजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले)का दामन थाम लिया है।
श्री मिर्ज़ा  सोमवार को पार्टी के काठमाण्डू स्थित मुख्यालय पर नेकपा एमाले के शीर्ष नेताओं  नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली,पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल,पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल,पूर्व उप प्रधानमंत्री वाम देव गौतम,पूर्व रक्षा मंत्री भीम रावल के अलावा कई बड़े पार्टी नेताओं की मौजूदगी में नेकपा एमाले में शामिल हो गए। श्री मिर्ज़ा के एमाले में शामिल होने से मधेशीवादी  राजनीति को तराई में एक बड़े सियासी घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।

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मिर्जा मधेश में एक मुस्लिम युवा चेहरे के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं।मुस्लिम समुदाय से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी संघर्षशील रहे हैं।नेपाल में हाजियों के सम्मान की  लड़ाई भी उन्होंने ज़ोरदार ढंग से  लड़ी है।पार्टी में शामिल होने के बाद मिर्ज़ा ने कहा कि नेकपा एमाले सभी समुदायों अल्पसंख्यकों ,दलितों, हिमालयी और पहाड़ी आदि को एक साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।मदरसा बोर्ड का गठन और मधेशियों के सर्वांगीण विकास के लिए पार्टी के पास वृहद योजना भी है।
फिलवक्त नेपाल के   मधेश में हर पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं।अभी हाल ही में नेकपा (माओवादी केंद्र)ने भी नेपाल की तराई में बड़ी जनसभा कर और सैकड़ों के तादाद में मधेशी समुदाय को पार्टी से जोड़ने में कामयाबी हासिल की है।जबकि मधेश की सरज़मींन माओवादियों के लिए कभी भी उर्वर नहीं रही है।नेपाल के कृष्ण नगर में उभरी भीड़ से माओवादी केंद्र के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहाल भी गदगद दिखे।अभी कपिलवस्तु ज़िले में कई बड़े मधेशवादी नेताओं के नेपाली कांग्रेस,नेकपा एमाले,और माओवादी केंद्र में जानें कि अटकलें लागई जा रही हैं। राजनैतिक प्रेक्षकों का मानना है कि अभी मधेशवादी दलों को और भी झटके लगेंगे।

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