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विश्व को आपस में जोड़ रहा है योग : योगी आदित्यनाथ

सीएम ने किया योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग-अध्यात्म-शैक्षिक कार्यशाला का उद्घाटन
लखनऊ में विश्व योग दिवस पर 55 हजार लोग एक साथ प्रधानमंत्री के साथ करेंगे योग
गोरखपुर, 15 जून। योग विश्व को आपस में जोड़ने का काम कर रहा है और इसे विश्व कल्याण एवं विश्व शान्ति के प्रतीक के रूप में सारे विश्व में देखा जा रहा है। दुनिया के लगभग 2 सौ देश योग के माध्यम से आपस में जुड़े हैं।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गोरक्षनाथ मंदिर में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत आयोजित साप्ताहिक योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग-अध्यात्म-शैक्षिक कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग को जीवन जीने की एक कला एवं विज्ञान के साथ-साथ औषधि रहित चिकित्सा पद्धति के रूप में लोकप्रियता मिल रही है। योग का नियमित अभ्यास हमारे अन्दर समता, समभाव और सौहार्द को बढ़ाता है तथा हमें आपस में जोड़ता है। योग के आठ अंगों यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि में पूरे जीवन का सार छिपा हुआ है। योग का उद्देश्य एक नए संसार का सृजन करना है। स्वार्थ, अविश्वास, क्रोध, नासमझी, अधैर्य, ईर्ष्या, असहिष्णुता और तनाव से भरी इस दुनिया का कायाकल्प यदि कोई कर सकता है तो वह है योग। निश्चित रूप से आगे आने वाला युग योग का युग है।
उन्होंने कहा कि हम गोरखपुरवासी सौभाग्यशाली है कि भारतीय योग परम्परा में क्रियात्मक योग महायोगी गोरखनाथ एवं गोरखपुर के नाम दर्ज है। योग की इस विद्या को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिलायी। 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन में भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिस्सा लेंगे और विश्व कल्याण के लिए योग पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में 55 हजार लोगों के साथ प्रधानमंत्री सम्मिलित होंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि उस दिन जहां भी हो प्रातः 6.30 बजे से 8 बजे योग शिविरों में हिस्सा लें।

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