समाचार

सपा नेता जफर अमीन डक्कू ने गोरखपुर के एम्स को कम बजट देने पर सवाल उठाए

कहा -हर जगह 950 बेड का एम्स बना तो गोरखपुर में 750 बेड का एम्स क्यों 

गोरखपुर , 30 जुलाई। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम के निदेशक एवं वरिष्ठ सपा नेता जफर अमीन डक्कू ने आज एक प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र की सरकार ने सदर सांसद योगी आदित्यनाथ पर भरोसा करके गन्ना शोध संस्थान की सिर्फ 112 एकड़ जमीन पर एम्स के निर्माण का शिलान्यास करके गोरखपुर वासियों के साथ बड़ा धोखा किया है। अब जो एम्स बनने जा रहा है वह 960 बेड के बजाय 750 बेड का है और इसका बजट भी सिर्फ 1011 करोड़ है।

श्री डक्कू ने कहा कि जब गन्ना संस्थान में केंद्र सरकार ने एम्स का निर्माण कराने का निर्णय लेकर शिलान्यास की तिथि घोषित किया तभी हमने कह दिया था कि 2017 के विधानसभा चुनावों में लाभ उठाने के लिए भाजपा गोरखपुर वासियों के साथ नाइंसाफी कर रही है । यहां एम्स का निर्माण नहीं बल्कि मिनी एम्स का निर्माण होगा, जो किसी कीमत पर बर्दाश्त योग्य नहीं है ।

सपा नेता ने कहा कि गोरखपुर वासियों को जानना चाहिए कि पूरे देश में 960 बेड से कम की कहीं भी एम्स स्थापना नहीं हुई है परंतु गोरखपुर में केवल 750 बेड के मिनी एम्स किया स्थापना की जा रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है ? गोरखपुर में एम्स की स्थापना की घोषणा के पहले केंद्र सरकार ने 3 नए एम्स के निर्माण की घोषणा की थी जिसमें महाराष्ट्र के नागपुर , आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी  , और  पश्चिमी बंगाल के कल्याणी में एम्स 960 बेड से अधिक का निर्माण हो रहा है ।नागपुर के का निर्माण राशि 1577 करोण, मंगला गिरी एम्स निर्माण 1618 करोड़ और कल्याणी एम्स निर्माण 1754 करोड़ में हो रहा है परंतु गोरखपुर में एम्स निर्माण के लिए कुल 1011 करोड़ की लागत में 750 बेड का एम्स दिया गया ।यह भाजपा सांसदों के लिए गर्व नहीं शर्म की बात है।

डक़कू ने कहा गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ जमीन निशुल्क उत्तर प्रदेश सरकार ने एम्स निर्माण के लिए दिया है जिसकी कीमत सर्किल रेट के अनुसार लगभग 750 करोड़ है वास्तव में वर्तमान में अनुमानित दाम लगभग 1100 करोड़ रुपया है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 11 सौ करोड़ की जमीन एम्स के लिए दिया है।जबकि केंद्र सरकार कुल निर्माण राशि 1011 करोड़ ही दी है।फिर भी एम्स के शिलापट्ट पर मुख्यमंत्री का नाम न लिखा जाना अत्यंत निंदनीय है।जिसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। सपा नेता ने कहा कि एयरफोर्स के अगल बगल की आबादी में दो मंजिला से अधिक इमारत बनवाने पर पाबंदी है,परन्तु मिनी एम्स निर्माण के लिए एयरफोर्स ने केंद्र सरकार के दवाब में एन ओ सी देकर उक्त पाबन्दी हटा लिया।ऐसे में स्थानीय नागरिकों को भी चार मंजिला इमारत बनाने की आज़ादी मिलनी चाहिए।गोरखपुर में एम्स की स्थापना हो जाने के बाद भी वहां दिल के मरीजों का इलाज करवाना सम्भव नही है ,क्योंकि जब लड़ाकू विमान उड़न भरेंगे तो दिल के मरीजों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।

Related posts