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आइसा और आरवाईए का लोकतंत्र बचाओ मार्च 25 को

शिक्षा के बजट में कटौती, छात्र नेताओं के दमन, दलितों-अल्पसंख्यकों पर हमले को मुद्दा बनाया
लखनऊ विश्वविद्यालय से विधानसभा तक मार्च करेंगे छात्र-नौजवान

लखनऊ , 23 जुलाई. शिक्षा के बजट में कटौती, लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, भीम आर्मी के नेता चन्द्रशेखर को रिहा करने, सहारनपुर में दलितों में हमले के दोषियों को सजा देने, जुनैद के हत्यारों को सजा देने की मांग को लेकर आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन और इंकलाबी नौजवान सभा ने 25 जुलाई को लखन लखनऊ में लोकतंत्र बचाओ मार्च का आयोजन किया है। छात्र और नौजवान 25 जुलाई को सुबह 11 बजे से लखन लखनऊ विश्वविद्यालय से विधानसभा तक मार्च कर योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस आंदोलन के लिए आइसा और आरवाईए के नेताओं ने लखनऊ, बनारस, कानपुर गोरखपुर, महाराजगंज,  चंदौली, बलिया,   रायबरेली, इलाहाबाद, उन्नाव, बस्ती ,फैजाबाद, बाँदा, जालौन, मथुरा, बिजनौर और अलीगढ़ आदि जिलों में  अभियान चला कर छात्रों-नौजवानों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।
आइसा के प्रदेश अध्यक्ष अंतस और नितिन राज तथा इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष अतीक अहमद ने बताया कि आज पूरे देश में अल्पसंख्यकों और दलितों पर हमले हो रहे हैं। महिलाओं का उत्पीड़न बढ़ा है। रोजगार में अवसर कम किए जा रहे है और शिक्षा को  निजी हाथों को बेचा जा रहा है। इन मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मोदी-योगी सरकार लोगों को धर्म के आधार पर बाँटा रही है। इसके खिलाफ आइसा और आरवाईए अभियान चला रहा है और छात्रो-नौजवानों में चेतना पैदा कर रहा है और उन्हें गुमराह होने से आगाह कर रहा है। आइसा और इनौस नेता ने कहा कि हम नफरत के खिलाफ एक बड़े अभियान को चला रहे हैं। जगह-जगह रोजगार व शिक्षा के अधिकार के लिए ‘ शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान जहाँ सोच पर कोई पहरा न हो के नारे के साथ  चल रहा हैं।
आइसा के प्रदेश अध्यक्ष अंतस ने कहा कि पूरे देश में न सिर्फ पर छात्रों-नौजवानों का हक मांगने पर दमन किया जा रहा है। बल्कि कैम्पसों के अंदर अघोषित आपातकाल लगा दिया गया है। सरकार रोजगार देने में पीछे हट रही है। माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग के रिजल्ट जारी होने पर सरकार ने उल्टा सवाल किया रिजल्ट कैसे जारी हो रहा है। हमारा आंदोलन न सिर्फ अपने हक अधिकार को बचाने की लड़ाई है बल्कि छात्र विरोधी, जन विरोधी सरकार और व्यवस्था को बदलने की लड़ाई है।
इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष अतीक अहमद ने योगी सरकार पर साम्प्रदायिक और जातिवादी हिंसा की राजनीति के जरिए नौजवानों को बांटने की साजिश करने का आरोप लगाया।

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