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ईद-उल-अजहा की नमाज अदा कर दी कुर्बानी, खुशहाली, तरक्की तथा अमन के लिए दुआ की

गोरखपुर, 2 सितम्बर। त्याग और कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा शनिवार को उत्साह और परंपरागत तरीके से मनाया गया। ईदगाहों और मस्जिदों में एक साथ लोगों ने नमाज अदा की और खुशहाली, तरक्की तथा अमन के लिए दुआ की साथ ही बाढ़ पीड़ितों, मृत बच्चों, म्यांमार, फलीस्तीन के मुसलमानों के लिए भी दुआ की गयी।

सुबह 6.30 बजे से शुरु हुआ नमाज का सिलसिला 10.30 बजे तक जारी रहा। नार्मल स्थित ईदगाह हजरत मुबारक खां शहीद में मौलाना फैजुल्लाह कादरी व गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-गोरखपुर मुफ्ती अख्तर हुसैन  ने कुर्बानी के असल मकसद को समझने पर जोर दिया तो सफाई का महत्व भी समझाया। नमाज के बाद कुर्बानी और ईद की मुबारकबाद का लंबा सिलसिला चला।

शनिवार को भोर से ही ईदगाह के मैदानों और प्रमुख मस्जिदों के आसपास चहल-कदमी शुरू हो गई। नमाज का समय होने तक कई जगह मेले जैसा माहौल हो गया। रानीडिहा इंजीनियरिंग कालेज, फतेहपुर मेडिकल कालेज, बाले मियां के मैदान, हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां नार्मल, चिलमापुर, पुलिस लाइन, इमामबाड़ा स्टेट तथा बेनीगंज आदि ईदगाहों के साथ ही गाजी मस्जिद गाजी रौजा, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर, जामा मस्जिद सौदागार, गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर, सब्जपोश मस्जिद जाफरा बाजार, सुभानिया मस्जिद तकिया कवलदह, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर,  जामा मस्जिद उर्दू बाजार, जामा मस्जिद रसूलपुर,  मदीना मस्जिद, मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में नमाज शुरु होने के आधे घंटे पहले ही नमाजियों से भर चुकी थी। जिन्हें परिसर के भीतर जगह नहीं मिली उन्होंने परिसर से जुड़े रास्तों पर ही सफें बनाकर नमाज में शिरकत की।
नमाज के बाद मुल्क और कौम की तरक्की के लिए दुआ की गई और फिर गले मिलकर लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। इस दौरान बच्‍चे भ्‍ाी पीछे नहीं रहे। उन्होंने एक-दूसरे से गले मिलकर ईल-उल-अजहा की मुबारकबाद दी।
इसके बाद पारंपरिक तरीके से बकरा, भैंस, पड़वा की कुर्बानी दी गई। कुर्बानी का सिलसिला सोमवार तक जारी रहेगा। पर्व के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे । नमाज से जुड़े रास्तों पर नमाज के वक्त ट्रैफिक संचालन पर पाबंदी रही। भीड़ छंटने तक ईदगाह मैदानों और मस्जिदों के आसपास कड़ी सुरक्षा रही।
पोशाकों से लुभाया, उपहारों की फरमाइश की 
ईदगाह के मैदानों और प्रमुख मस्जिदों पर ईद-उल-अजहा की नमाज को लेकर जहां नमाजियों की बेशुमार भीड़ जुटी, वहीं परिसरों के आसपास के मेले जैसे माहौल ने बच्चों को खूब लुभाया। पर्व के लिए खासतौर पर तैयार कराई पोशाकों से सजे-संवरे बच्चों ने मेले से खेल-खिलौनों की खरीदारी की। खुशी के मौके पर बड़े भी बच्चों की तोहफों से जुड़ी फरमाइशें पूरी करते नजर आए।
ईद-उल-अजहा पर्व पर कुर्बानी स्थलों से नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ट्राली से अवशेषों का निस्तारण किया। बड़ी संख्या में छोटे व बड़े जानवरों की कुर्बानी के मद्देनजर नगर निगम एक दिन पूर्व से ही पूरी तरह मुस्तैद रहा। सभी स्थानों पर ट्रैक्टर-ट्राली समेत चालकों की तैनाती कर रखी गयी थी। अभी दो दिन और कुर्बानी होगी और उसका अवशेष निकलेगा।
महानगर के गाजी रौजा, रहमतनगर,  तुर्कमानपुर कसाई टोला, पिपरापुर, सौदागर मोहल्ला, बक्शीपुर पावर हाउस के सामने, मदरसा हुसैनिया दीवान बाजार, गाड़ीवान टोला, अस्करगंज कसाई टोला, जमुनहिया, मोहनलालपुर, चक्सा हुसैन जमुनहियां, बिन्द टोला, जाफरा बाजा,  बुलाकीपुर, बड़े काजीपुर समेत तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर कुर्बानी की गयी।
यहां इन्होंने पढ़ायीं ईद-उल-अजहा की नमाज
ईद-उल-अजहा की नमाज विभिन्न ईदगाहों व मस्जिदों में अदा की गयी। ईदुल अजहा की नमाज गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-गोरखपुर मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी, ईदगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल में मौलाना फैजुल्लाह कादरी, ईदगाह चिलमापुर में मुफ्ती वलीउल्लाह, ईदगाह पुलिस लाइन में हाफिज व कारी मोहम्मद साबिर, गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना मोहम्मद शादाब, रहमतनगर बहादुरिया मस्जिद में मौलाना अली अहमद, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर में हाफिज व कारी मोहम्मद अफजल बरकाती, दारुल उलूम हुसैनिया इमामबाड़ा दीवान बाज़ार में  कारी मोहम्मद सरफुद्दीन मिस्बाही, सब्जपोश मस्जिद में हाफिज व कारी रहमत अली निजामी, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम रजवीं ने पढ़ायीं और खुत्बा पढ़ा।

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