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कच्ची शराब के खिलाफ चला पुलिस और आबकारी विभाग का अभियान

 

120 कुन्तल लहन नष्ट किया गया 

जय सिंह
लेहड़ा (महराजगंज), 4 नवम्बर। शुक्रवार को आबकारी और कोल्हुई बाजार पुलिस ने संयुक्त रूप से इलाहाबस ग्रामसभा के शिवसहायपुर टोले में कच्ची शराब के धंधे को रोकने के लिए कार्रवाई की। इस दौरान वहां 120 कुन्तल लहन और शराब बनाने के उपकरण बरामद हुए।
शुक्रवार को दिन में इलाहाबस ग्राम सभा के शिवसहायपुर टोले पर दोपहर आबकारी निरीक्षक जिलाजीत सिंह व बसंत प्रसाद के नेतृत्व में और कोल्हुई बाजार थानाध्यक्षय ने छापेमारी की। कार्रवाई को देखकर वहां मौजूद शराब तस्करों में हड़कंप मच गया। बसन्त प्रसाद और पुलिसकर्मियों के साथ घरों में छिपाकर रखे गए लहन को फैलाकर नष्ट कराया।

 

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कार्रवाई के दौरान आबकारी निरीक्षक जिलाजीत सिंह ने वहां बरामद ड्रमों को तोड़कर नष्ट कराया। वहां बरामद हजारों लीटर लहन को पुलिसकर्मियों ने फैलाकर नष्ट कर दिया। करीब एक घंटा तक पुलिस की कार्रवाई जारी रही। वहां से पुलिस ने शराब बनाने के उपकरण और कच्ची शराब को जब्त कर लिया। श्रीनगर पुल के किनारे चल रही अवैध शराब की भट्ठियों पर छापामार कार्रवाई की। पुलिस ने एक जलती हुई भट्ठी सहित तीन भट्ठियोें को तोड़ दिया। यहां से 120 कुन्तल लहन नष्ट कर दिया।
इस छपे मारी दौरान आबकारी की टीम में आबकारी निरीक्षक जिलाजीत सिंह व बसंत प्रसाद के साथ अरविन्द त्रिपाठी, गेना सिंह, राजीव गौतम, गुलाम वारिस, रागवेन्द्र और पुलिस की टीम में यसआई मनोज सिंह, एस के सिंह, कन्हैया और कान्सेटबल सत्यप्रकाश सिंह व ओंकार शामिल रहे।

बृजमानगंज थाना क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर बनती और बिकती है कच्ची शराब        ग्रामसभा फुलमनहा में चिरैयाकोट, बनगढ़ीया वन चौकी के सामने 200 मीटर जंगल में , ग्रामसभा लेहड़ा में कोमल चौराहा, बगौली, बानौली और जरलहव, ग्रामसभा दुर्गापुर में दुर्गापुर खास और चेतरा, ग्रामसभा विशुनपुर अद्रवना में रेहरव टोला,लेहरा स्टेशन पर अशोक नगर चौराहा, ग्रामसभा दुबौलिया में हरपुर हरजन टोला और , मगरेपुर, ग्रामसभा बचगंगपुर में जरबंधनपुर मिनी फेक्टरी, ग्रामसभा बैसार में जंगल के किनारे लोधपुरुवा और खरिहानिया, ग्रामसभा परगापुर में कच्ची शराब बनाई और बेची जाती है।  बेलनहवा चौराहा , बेलहुई और बेलौहा , ग्रामसभा हथिगड़वा और पुरन्दरपुर , ग्रामसभा पृथ्वीपलगढ़ में लोधपुर और मोहनगढ़, मिश्रवलिया में मिश्रवलिया खास में भी कच्ची शराब बनाने का धंधा होता है। इन स्थानों पर सैकड़ों लीटर शराब हर रोज तैयार होकर आसपास के क्षेत्रों तक पहुंचाई जा रही है। पुलिस और आबकारी से बचने के लिए यहां पूरे इंतजाम किए गए हैं।

कुटीर उद्योग बना कच्ची शराब का धन्धा 
कच्ची शराब के कुटीर उद्योग के रूप में पनपने के कई कारण हैं। पहला कारण है कम लागत में भारी मुनाफा का होना, दूसरा इस धंधे में प्रयुक्त की जाने वाली कच्ची सामग्री क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध होना, तीसरा आबकारी व पुलिस विभाग की कमाऊ-खाऊ नीति के चलते उनके द्वारा इस अवैध उद्योग पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम न उठाया जाना है।

दस रुपये में पूरा नशा 
यहां के ठेके से खरीदकर शराब पीने पर कम से कम सौ रुपये खर्च होते हैं, मगर यहां कच्ची शराब का एक गिलास दस रुपये में मिल जाता है। तीव्रता अधिक होने के कारण एक गिलास ही पूरा सुरूर दे देता है। एक दिन में सैकड़ों गिलास बिकते हैं। ⁠⁠⁠⁠

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