कुशीनगर, 6 फरवरी। उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसानों की खूब बात हो रही है लेकिन केन्द्रीय बजट में जो भी व्ंयवस्था की गई है उससे किसानों के दिन बहुरने वाले नहीं है। किसानों की उम्मीदें इस बजट में पूरी नही हो सकी है।
यह कहना है कि जागरुक व अनुभवी किसान हरि प्रसाद गुप्त का। उनका कहना हैं कि किसानों के लिए बजट में सिंचाई के लिए सस्ती दर पर बिजली की बात नहीं की गयी। पिछले कई वर्षांे से किसान सूखे की मार झेल रहा है जो बजट मिला है वह प्रर्याप्त नही है। वाटरशेड , भूगर्भ जल रिचार्ज के लिए किसान सक्षम नहीं है। बजट में फसल बीमा का आवंटन बढाया गया लेकिन उस पाने की प्रक्रिया जटिल होने के नाते मुश्किल है। इससे सिर्फ फसल बीमा कम्पनियों को लाभ होगा। इस योजना का ब्योरा व योजना में किसान ईकाई नहीं हैं। जैविक खाद को बढावा देने के लिए बजट में कुछ नही है जबकि पूरे विश्व में जैविक खाद के बढावा दिया जा रहा है। प्रदेश में बन्द पड़ी चीनी मिलांे के लिए कोई नीति नहीं है।