साहित्य - संस्कृति

‘ कोरस ’ ने मंच पर जीवंत किया ‘ कुच्ची का कानून ’

तीन-दिवसीय कार्यक्रम ‘अजदिया भावेले’ के तहत प्रेमचंद रंगशाला में हुआ  ‘कुच्ची का कानून’ का मंचन
पटना, 8 नवम्बर.  प्रेमचंद रंगशाला में ‘कोरस’ ने  5 नवम्बर को तीन-दिवसीय कार्यक्रम ‘अजदिया भावेले’ के तहत कथाकार शिवमूर्ति की चर्चित कहानी ‘कुच्ची का कानून’ का मंचन किया। नाटक के मंचन के दौरान कथाकार शिवमूर्ति भी उपस्थित रहे और उन्होंने दर्शकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया.
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‘ कुच्ची का कानून ‘ गांव के गहरे अंधकूप से एक स्त्री के बाहर निकलने की कहानी है जिसे कुच्ची नाम की विधवा अपनी कोख पर अपने अधिकार की अभूतपूर्व घोषणा के साथ प्रशस्त करती है। यह ससुराल की भूसंपत्ति में एक स्त्री के बराबर की हिस्सेदारी का दावा करने की भी कहानी है।

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यह कहानी बेहद चर्चित हुई है. वरिष्ठ  आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी का इस कहानी के बारे में कहना है कि एक भी ऐसा समकालीन रचनाकार नहीं है जिसके पास ‘कुच्ची’ जैसा सशक्त चरित्र हो। चरित्र-निर्माण की यह क्षमता शिवमूर्ति को बड़ा कथाकार बनाती है।

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कहानी का नाट्य-रूपांतरण और निर्देशन कोरस टीम की सचिव समता राय ने किया था. उन्होंने ‘ कुच्ची ‘ की मुख्य भूमिका भी निभाई।
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अरुण शादवाल , मातसी सरन, रवि कश्यप, विवेक कुमार, प्रशांत कुमार, अनु सिंह, अंकित, लव कुश, नितीश कुमार, नीलू , संगीत, मुनमुन, खुशबू,सुहानी आदि ने भी अपनी अभिनय क्षमता से दर्शकों का मन मोह लिया. प्रकाश व्यवस्था हीरा लाल की थी और ध्वनि संयोजन रुनझुन ने किया. आयेजन में ऋचा, प्रभात, रिया अंतरा, राहुल भास्कर और अजय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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