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गरीब सुभाष की मौत के मामले में कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज

ग्रामीणों का आरोप-भूख और बीमारी से मरा सुभाष
ग्रामीणों के दबाव में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
कुशीनगर, 5 अप्रैल। कुशीनगर जिले के दुदही क्षेत्र के अमवा दीगर गांव निवासी सुभाष सिंह की मौत के मामले में प्रशासन ने कोटेदार के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सुभाष सिंह की मौत भूख और बीमारी से हुई है और पात्र होने के बावजूद कोटेदार उन्हें राशन नहीं दे रहा था।
अमवा दीगर निवासी सुभाष सिंह बेहद गरीब थे और तीन अप्रैल को उनकी मौत हो गई। वह बीमार थे। चार अप्रैल को लोगों ने एसडीएम तमकुहीराज को सुभाष के मौत की जानकारी फोन पर दी और बताया कि सुभाष की मौत भूख व बीमारी की वजह से हुई है। उपजिलाधिकारी ने पूर्ति निरीक्षक को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। पूर्ति निरीक्षक ने गांव के लोगांे का बयान दर्ज करने के बाद अपनी रिपोर्ट एसडीएम को दी। एसडीएम ने डीएम को रिपोर्ट दिया जिसमें पाया गया कि कोटेदार ने समय से राशन वितरण में लापरवाही किया है जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 3 7 का उल्लंघन किया गया है। डीएम ने उसी दिन पूर्ति निरीक्षक को कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया।
पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर बरवापट्टी पुलिस ने कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सुभाष के पास 12 डिस्मिल जमीन थी जिसे उन्होंने बड़ी बेटी की शादी के लिए बेच दिया। इसके बाद वह भूमिहीन हो गए और मजदूरी करने लगे। मजदूरी से पत्नी और तीन बेटियों का परिवार चलाना मुश्किल होने लगा और घर में फाकाकशी की नौबत आने लगी। सुभाष और उसकी पत्नी का स्वास्थ्य भी खराब हो गया जिससे वह मजदूरी नहीं कर पा रहे थे। सुभाष तो काफी दिन से बिस्तर पर ही पड़े थे। सोमवार को बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शव गांव आने पर ग्रामीणों ने उनकी मौत को भूख व बीमारी से होना बताते हुए अधिकारियों को मौके पर आने की मांग करने लगे। हंगामा के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे और सुभाष की मौत का कारण जानने के लिए उनका शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। तमकुहीराज के कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने सुभाष की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

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