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टाडा, पोटा, यूएपीए, मकोका, गुजकोका जैसे गैरलोकतांत्रिक कानूनों की अगली कड़ी है यूपीकोका – रिहाई मंच

यूपीकोका के खिलाफ रिहाई मंच चलाएगा हस्ताक्षर अभियान

लखनऊ 13 दिसंबर। रिहाई मंच ने योगी सरकार द्वारा यूपीकोका लाए जाने पर सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2007 में गोरखपुर में दिए भाषण के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा जैसी वारदातें इसके दायरे में आएंगी ? मंच ने कहा कि यूपीकोका के लिए जो तर्क दिए जा रहे हैं वे बेबुनियाद हैं। आईपीसी, गैंगेस्टर एक्ट जैसे बहुतेरे कानून हैं जिसके तहत इन आपराधिक मामलों को हल किया जा सकता है इसलिए यूपीकोका लाने का कोई औचित्य ही नहीं है सिवाए इसके कि इसके जरिए मुसलमानों को फंसाया जाए जैसा कि मकोका के तहत किया जाता रहा है। रिहाई मंच ने विपक्षी दलों से यूपीकोका के खिलाफ सदन में सवाल उठाने की अपील करते हुए कहा कि मानवाधिकार और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत सूबे में यूपीकोका के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरु करेगा।

रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि टाडा, पोटा, यूएपीए, मकोका, गुजकोका जैसे गैरलोकतांत्रिक कानूनों की अगली कड़ी यूपीकोका है। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो घूम-घूमकर कानून व्यवस्था को सुधारने का दावा कर रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि जब सरकार बेहतर कर रही है तो यूपीकोका जैसे कानूनों की क्या जरुरत है। उन्होंने कहा कि खुलेआम एनकाउंटर के नाम पर हत्याएं करवाने वाली योगी सरकार में हुई फर्जी मुठभेड़ों में सबसे अधिक मुस्लिम, पिछड़े, दलित समाज के लोग मारे गए। उन्होंने सवाल किया कि बुलंदशहर से लेकर शाहजहांपुर तक मुस्लिम पहचान को लेकर भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के जो गुनहगार हिन्दू युवा वाहिनी के हैं उन पर क्या यूपीकोका के तहत कार्रवाई होगी? बलिया की मासूम रागिनी के हत्यारोपी प्रिंस तिवारी जो अपने को योगी सेवक कहता था उस पर क्या यूपीकोका के तहत कार्रवाई होगी? राह चलते सांप्रदायिक व जातीय हत्या करने वालों के खिलाफ क्या योगी सरकार इस कानून के तहत कार्रवाई करने की इच्छा शक्ति रखती है? सहारनुपर में दलित माताओं-बहनों के साथ जो संगठित हिंसा हुई क्या उसके गुनहगारों को ये कानून सजा दिला सकता है ?

शाहनवाज आलम ने कहा कि लैंड माफिया, खनन माफिया के खिलाफ यूपीकोका को जिस तरह से भाजपा प्रचारित कर रही है उसे बताना चाहिए कि उसकी एंटी भूमाफिया टाॅस्क फोर्स कहां गई, क्या वो सिर्फ वसूली के लिए बनाई गई थी ?

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