जनपद

दलित महिला के जमीन पर कब्जा के लिए दो बार दबंगों ने धावा बोला

स्थानीय पुलिस दबंगों से मिली, अधिकारी बने खामोश तमाशाई
गोरखपुर, 16 सितम्बर। कैंट थाना क्षेत्र के महादेव झारखंडी के मोहल्ला विशुनपुरवा में दलित महिला की भूमि पर दबंग दो बार कब्जा करने की कोशिश कर चुके हैं और विरोध करने पर दलित परिवार पर फायरिंग कर चुके है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। स्थानीय पुलिस कार्रवाई करने के बजाय दबंगों से ही मिल गई है तो पुलिस अधिकारी खामोश तमाशाई बने हुए हैं।
विमला देवी पत्नी सत्यनारायण चैधरी 20 वर्ष से विशुनपुरवा दलित बस्ती में मकान बनवाकर रह रही है। मकान के पास ही खाता संख्या-1482 , खसरा संख्या-179 उनकी छह डिस्मिल भूमि है जो चारो तरफ से चहारदीवारी से घिरी है। इसमें तीन कमरे बने हैं और इसमें विमला देवी ने गाय पाल रखी है। वह इसका हाउस टैक्स भी जमा करती है।
एक पखवारे पहले 31 अगस्त को आधा दर्जन अज्ञात लोग आए और विमला देवी के इस मकान पर कब्जा करने लगे। विरोध करने पर वे धमकी देते हुए चले गए। दलित परिवार नेघटना की सूचना लिखित रूप से इंजिनियरिंग कालेज पुलिस चैकी के प्रभारी अशोक पाण्डेय को दी लेकिन परन्तु कोई पुलिसकर्मी मौके पर नहीं आया। विमला देवी का आरोप है कि चैकी प्रभारी अशोक पाण्डेय और सिपाही राजेश सिंह अगले दिन कुछ लोगों के साथ आए और उन्हें गाली देते हुए मकान व जमीन खाली करने के लिए दबाव बनाने लगे। विरोध करने पर चैकी प्रभारी के साथ में आये हुए बदमाशों ने पिस्टल तान कर जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक से की गई लेकिन कोई करवाई नहीं हुई।
इससे दबंगों का मनोबल बढ़ गया और उन्होंने 11 सितम्बर को हथियारों से लैस होकर विमला देवी के मकान पर धावा बोल दिया। दबंग उनके मकान का गेट तोड़ने लगे जिसका विरोध विमला देवी और परिवार के सदस्यों ने किया तो उन्होंने मारने के लिए दौड़ा लिया। शोर सुनकर गांव के लोग एकत्र होने लगे तो दबंग फायरिंग करते हुए फरार हो गए। इस घटना की सूचना तत्काल कैंट थाना प्रभारी को फोन से दी गई परन्तु घटना स्थल पर कोई नहीं आया। डरा सहमा दलित परिवार बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र लेकर थाना गए परन्तु थाने पर भी उनकी कोई भी बात नहीं सुनी गई। दलित परिवार ने अपने ऊपर जानलेवा हमले की अंदेशा जताते हुए घटना की पूरी जानकारी पुलिस महानिदेशक, आई जी गोरखपुर, डीआईजी गोरखपुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को लिखित रूप में दिया है।

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