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नदी से निकली भूमि की पैमाइश की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन

 सप्ताह भीतर पैमाइश न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी
निचलौल (महराजगंज), 17 जून.
नारायणी गंडक नदी की कटान से नदी में विलीन हुई सैकडों किसानों की हजारों एकड भूमि की पैमाइश को लेकर शुक्रवार को आधा दर्जन गांवों के सैकडों किसानों ने तहसील में उग्र प्रदर्शन कर भूमि के सीमांकन की मांग करते हुये एसडीएम को ज्ञापन सौपा।
एसडीएम को सौपे गये ज्ञापन मे ग्रामीणों ने कहा कि है कि हमारी जमीन नदी मे विलीन हो गई है। वर्तमान मे नदी सिकुड़कर छोटी हो गयी है। हमारी जमीन अब दिखाई दे रही है। वन विभाग उस भूमि पर अपना दावा कर रहा है। हमारे खतौनी को देखते हुये मौके से हमारी भूमि की पैमाईश कराकर उसे चिन्हित कराया जाय।अगर एक सप्ताह के भीतर पैमाईश कर हमारी भूमि अलग नहीं की गयी तो किसान आन्दोलन को बाध्य होंगे।
प्रदर्शन करने वाले किसानों शैलेश कुमार पाण्डेय, राम उग्रह वर्मा, शम्भू लाल वर्मा, संतोष वर्मा, कन्हैया लाल, लल्लन शर्मा, खेदू, तारा प्रसाद, बृजेश वर्मा, दीपक वर्मा, विकाऊ, छागुर,सुदामा, छेदी व रामकरन आदि शामिल रहे।
इस सम्बन्ध मे उपजिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद ने बताया कि उक्त भूमि के पैमाइश को लेकर कार्यवाही चल रही है. जल्द ही राजस्व विभाग की टीम गठित कर  पुलिस व वन विभाग की मौजूदगी में भूमि की पैमाइश करायी जायेगी।

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