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नारायणी की कटान तेज लेकिन तटबंध बचाव का काम सुस्त

 

नदी की धारा मोड़ने के लिए परकोपाईन तक नहीं लगा पाया सिचाई विभाग

महराजगंज , 16 जुलाई। नेपाल से निकालने वाली नारायणी दी की तेज धारा  द्वारा की जा रही व्यापक कटान को रोकने व नदी की धारा को मोड़ने की गरज से एनसी बांध पर स्वीकृत करीब सात करोड़ की परियोजना विभागीय सुस्ती के चलते बेमतल साबित हो रही है।अर्जुनही के निकट नदी तेजी से कटान करते हुये बंधे की तरफ बढती जा रही है जिसे लेकर लोगों में खासा आक्रोश है।
नारायणी की रफ्तार को कम करने व धारा को मोड़ कर नेपाल छितौनी बांध की सुरक्षा व बाढ बचाव को लेकर स्वीकृत करीब सात करोड की परियोजना में ठोकर संख्या चार से लेकर अर्जुनहीं जंगल किनारे तक नदी में उतर कर एक रोल में नायलान क्रेट में बालू भरी बोरियो का बेस बना कर परकोपाईन लगाया जाना था।परियोजना की स्वीकृति और टेंडर के तत्काल बाद विभाग ने परियोजना की संवेदनशीलता के मद्देनजर अनुबंध भी कर दिया। अनुबंध के बाद बरसात के पूर्व काम भी शुरु हो गया।शुरुआती दौर में काम ने रफ्तार पकडी लेकिन वक्त बीतने के साथ परियोजना की चाल धीमी पडती चली गयी लिहाजा अनुबंध के महीनों बाद भी अधूरी पड़ी परियोजना बाढ़ को लेकर विभागीय संवेदनशीलता की पोल खोल रही है।

करीब सात करोड वाले इस परियोजना में एक करोड़ की लागत से 11 हजार 220 परकोपाईन की ढलाई होनी थी जो तय वक्त पर हो गया लेकिन परकोपाईन को नदी में लगाने का काम अब तक नही हो पाया। पथलहवां में सिचाई विभाग की मिनी स्टोर के निकट हजारों की संख्या में लगे परकोपाईन के चट्टे परियोजना की अधुरी कहानी बयां कर रहे है। सूत्र बताते है कि आधा अधूरा काम करा कर बाढ की आड में परकोपाईन लांचिंग में खेल कर परियोजना मद के बंदरबांट के काम में जुटे विभाग ने एक पखवारा पूर्व ही जलस्तर बढने का हवाला दे परकोपाईंन लांचिंग का काम ठप करा दिया है। हालाकिं इस सबंध में अधिशासी अभियंता विरेन्द्र कुमार यादव का कहना कि कार्य अन्तिम चरण में था लेकिन अचानक जलस्तर बढने से काम थोडा रूका है।जल्द ही पूरा करा लिया जायेगा।⁠⁠⁠⁠

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