साहित्य - संस्कृति

नियमगिरी, ओड़िशा और काश्मीर के आंदोलनों पर बहस करती फिल्में दिखाई गईं

गोरखपुर फिल्मोत्सव का दूसरा दिन

बच्चों ने फिल्में देखीं, गपशप की

गोरखपुर,15 मई। गोरखपुर फिल्मोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत बच्चों के लिए दिखाई जाने फिल्मों के सत्र से हुआ। रिदम जानवे निर्देशित फिल्म ‘कंचे और पोस्टकार्ड’ जहां एक तरफ समाज में बच्चों के प्रति एक उदासीनता को चिन्हित करती है, वहीं दूसरी ओर उनके सरल सहज मन को भी हमारे सामने प्रस्तुत कर देती है। वहीं क्रान्ति कनाडे निर्देशित फिल्म ‘महक मिर्ज़ा’ सापनीली आँखों वाली उस बच्ची की कहानी है, जो लगातार सपने देखती है, सपने टूटने पर उदास होती है, पर सपने देखना छोड़ती नहीं। आखिरकार उसकी लगन उसे सफल बना देती है।

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खान-पान की हमारी आजादी पर प्रतिबंध लगाने के इस दौर में अनन्या गौड और साथियों द्वारा बनाई गई फिल्म ‘कास्ट ऑन मेन्यूकार्ड’ एक मानीखेज फिल्म है, जिसे दर्शकों बहुत सराहा। निर्देशक इफ़्फ़त फातिमा की फिल्म ‘खून दियो बराव’ कश्मीर के हालात पर रोशनी डालती है। दस साल से कश्मीर से ‘गायब’ हुए लोगों की व्यथा-कथा कहती यह फिल्म काश्मीरी अवाम में गहरे पसरी उदासी और गुस्से को आवाज देती है।

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तरुण मिश्र निर्देशित फिल्म ‘जनमत’ नियमगिरी के आदिवासियों की संघर्ष गाथा है। डोंगरिया लोगों ने अपना पहाड़ बचाने की लड़ाई लड़ी और वेदान्त जैसी क्रूर कंपनी को पीछे धकेलने में कामयाब हुए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर डोंगरिया लोगों की ग्राम पंचायतें हुईं, जिनमें उन्होंने एक सुर से खनन को नकार दिया। फिल्म इन्हीं पंचायतों का बेहद जीवंत दस्तावेज़ है। अगली फिल्म थी निर्देशक पुष्पा रावत की ‘मोड़’। यह फिल्म निम्न-मध्यमवर्गीय युवाओं की दुनिया की विश्वसनीय तस्वीर पेश करती है। इन दोनों फिल्मों पर दर्शकों ने फ़िल्मकार तरुण मिश्र और पुष्पा रावत से बातचीत भी की।

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आज के दिन का आखिरी कार्यक्रम डॉक्टर अजीज अहमद ने पेश किया जिसमें उन्होंने किस्सों-गीतों और चित्रों के सहारे हरदिलअजीज शायर साहिर लुधियानवी, जिनका यह शताब्दी वर्ष भी है, की दुनिया श्रोताओं के लिए खोल दी।

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आखिर में गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि प्रतिरोध का सिनेमा का यह फेस्टिवल अब महराजगंज और देवरिया में भी शुरू हो चुका है। इस वर्ष कुशीनगर और मऊ में भी आयोजन होने जा रहा है। साथ ही गोरखपुर फिल्म सोसाइटी अब शहर के बिभिन्न हिस्सों मे रेगुलर स्क्रीनिंग करने पर ज़ोर रहेगा।