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पब्लिक बनाती रही जीत-हार का समीकरण

⁠⁠⁠गोरखपुर, 4 मार्च । शनिवार को सुबह मतदान शुरु होने के एक घंटा बाद ही पब्लिक में हार जीत का समीकरण बनना शुरु हो गया। लोग एक दूसरे से प्रत्याशियों की स्थिति जानने के उत्सुक नजर आयें। गोरखपुर ग्रामीण और गोरखपुर शहर में प्रत्याशियों के समर्थक से लगायत आमजन भी पार्टियों की हार-जीत, जातिगत आंकड़ो और पार्टियों की स्थिति बेधड़क बताते नजर आए। अमूमन शहर में दुकाने बंद नजर आयी लेकिन मोहल्लों के चंडू खानों की दुकानें खुली रही और चाय की चुस्की के साथ हार-जीत का फैसला भी होता रहा।

ग्रामीण विधानसभा के तहत आने वाले मोहल्ला खोखरटोला में साबिर के होटल पर मोहम्मद आजम, सेराज अहमद कुरैशी, मोहसिन आदि के बीच गुफ्तगू दिलचस्प रही । यहां बहस इस बात पर थीं कि मुस्लिमों वोटों का रुझान किस ओर हैं। मोहम्मद आजम ने कहा ग्रामीण में मुसलमान चाहें तो किसी को भी जीता दें लेकिन यह बंट जाते हैं इसलिए बीजेपी जीत जाती है लेकिन इस बार लग रहा हैं सपा-कांग्रेस गठबंधन जीत जायेगा। तभी तपाक से मोहसिन बोले बसपा को आप इग्नोर नहीं कर सकते। अबकी तो निषाद पार्टी भी हैं निषादों का तो अस्सी हजार वोट हैं। निषाद वाले को अगर निषाद सब वोट कर दें और मुसलमानों का कुछ वोट मिल जायें तो वह चौंका सकते हैं। तभी सेराज बोले भईया जीते कोई भी लेकिन बीजेपी न जीते। इस होटल पर जितने लोग आये उतनी बातें हुई यानी जितने मुहं उतनी बातें। लेकिन मुसलमानों के वोट पर सब गठबंधन पर एक नजर आयें।

मुस्लिम घरों की औरतें साइकिल को वोट देने पर खुसुर-फुसुर करती दिखीं । वहीं समर्थक अपनी गुणा-गणित लगाते में मशगुल रहे। बुनकर बाहुल्य इलाकों में पीस पार्टी द्वारा समर्थित प्रत्यशी के पक्ष में मतदान होने का बाजार गर्म रहा। लेकिन सब इस बात पर खौफजदां भी थे कहीं मुसलमानों का वोट बंटा तो बीजेपी प्रत्याशी का जीत न जाये । हालांकि लोग फोन व व्हाट्सएप पर चुनाव का जायजा लेते दिखें। यहीं बेचैनी 11 मार्च से पहले खत्म होने वाली नहीं हैं।
इसी तरह मुस्लिम बाहुल्य नखास पर चायखाने आबाद नजर आए। वहां पर लोग हर क्षेत्र के रुझान पर नजरें गड़ाये हुए थे। नदीम कादरी ने चायखाने पर दोस्तों की महफिल सजायीं हुई थी। पसंद तो बसपा को करते हैं लेकिन कहते हैं बसपा ने शहर से कमजोर प्रत्याशी को टिकट दिया है। फाइट बीजेपी व कांग्रेस प्रत्याशी के बीच सिमट कर रह गयी हैं। वहीं जाहिदाबाद के अशफाक ने कहा अबकी कांग्रेस प्रत्याशी उलटफेर कर सकता हैं। हर जुबां पर राणा राहुल का नाम हैं। नाराज बुनकर गुलाम नबी आजाद के मनाने पर वोट देने को तैयार हो गये हैं। मुझे लगता हैं वह कांग्रेस को वोट करेंगे लेकिन जीतने के लिए हर वर्ग का वोट जरुरी है। वहीं बैठें अरशद ने कहा वोटिंग ज्यादा हुई तो कुछ चौंकाने वाले नतीजे आ सकते हैं। अमित शाह के रोड शो का बीजेपी प्रत्याशी को कुछ लाभ तो मिलेगा।
इसके अलावा जिसको जितनी राजनीति की समझ थीं उसके इर्द गिर्द उतने लोग मिलें। मारवाड़ पर सपा के नेता जफर अमीन डक्कू मिल गये मतदान करते। सवाल कर लिया कि शुक्रवार की रात आपको पार्टी से निकालने की अफवाह उड़ी थीं।बोले हां। कहा अब बताइयें इस तरह की अफवाह से पार्टी कमजोर होगी की नहीं। सपा के लोग ही अफवाह उड़ा रहे हैं।
खैर। मतगणना 11 मार्च को हैं। छह दिन तक कयासों, समीकरणों का दौर हर गली नुक्कड़ पर रहेगा। लोगों की उत्सुकता छह दिन बाद ही समाप्त होगी लेकिन शहर रविवार को नई सुबह के साथ नये समीकरण जरुर बनायेगा।

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