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अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने के लिए फूटी कौड़ी तक नहीं दी

सैयद फरहान अहमद

गोरखपुर, 18 दिसम्बर। आज अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के हक व हुकूक की बात करने व सामाजिक, आर्थिक, शौक्षिक योजनाओं पर प्रकाश डालने के लिए लेकिन हक की बात कहने व सुनने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर नहीं हैं।  न तो सरकार और न ही जनप्रतिनिधियों में  इसके प्रति उत्साह दिखा। हद तो यह हो गई कार्यक्रम करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक फूटी कौडी बजट के रुप में नहीं दी।

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विकास भवन का सभागार बैठने के लिए नाकाफी साबित हुआ। कार्यक्रम के दौरान कुर्सिया कम पड़ गयी और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों को कहना पड़ा अल्पसंख्यकों के लिए अल्पसंख्यक जगह मुहैया करायी गयी। प्रतिनिधियों ने यहां तक कहा कि सरकार अगर बजट नहीं दे पा रही हैं तो अगली बार से हम ही इंतजाम करेंगे जगह और संसाधन का।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी धर्म देव त्रिपाठी  भी हताश नजर आये। बोले एक पैसा बजट के लिए नहीं आया। पिछली बार तो कन्या धन बंटा था, प्रति लड़की खाना का इंतजाम भी था। लेकिन इस बार अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने का निर्देश आया पर बजट नहीं।

कार्यक्रम के दौरान जगह कम पड़ गयी। पूरे कार्यक्रम में कर्मचारी कुर्सियां लगाते रह गए।

इस प्रोग्राम में केवल सपा महानगर के वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष ने शिरकत की वह भी विलम्ब से।अल्पसंख्यक वित्तीय विकास के निदेशक व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के करीबी सपा नेता जफर अमीन डक्कू व पूर्व जिलाध्यक्ष मोहसिन खान भी नहीं नजर आये। सपा के कुछ और पदाधिकारी भी नजर आयें वह भी तमाशबीन। वहीं हर बार की तरह इस बार भी न तो कमिश्नर और न ही डीएम ने कार्यक्रम में शिरकत की जहमत गंवारा की। हर साल की तरह इस साल भी औपचारिकता पूरी की गई। सभी ने एक स्वर में यह माना कि 1947 के बाद से अल्पसंख्यकों की स्थिति में कोई खास फर्क नहीं पड़ा ब्लकि उनकी स्थिति दलितों से भी कहीं ज्यादा गयी गुजरी हो गई। सच्चर व रंगनाथन कमेटी की रिपोर्ट में साफ लिखा हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व इंजीनियर शम्स अनवर और मिसबाहुद्दीन वारसी में बैठने को लेकर हास्यपद बहस भी हो गई। अगली बार से बड़ी जगह कार्यक्रम करने पर बात हुई। कई लोगों न दबी जुबान से कहा  कि चुनाव नजदीक होने के बावजूद सरकार का यह रवैया सोचने पर मजबूर करता हैं। वोट के जरिए सरकार को सबक सिखाने की बात भी सुनाई पड़ी।

कार्यक्रम में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाले प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखी। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा जल्द हालात सुधर जायेंगे। तमाम समस्याओं का समाधान होगा।

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