राज्य

‘ बूथ हम बनाएं और मलाई खाएं दलबदलू ‘

*भाजपा की सूची मे आयातित नेताओं की बहुतायत, खांटी कार्यकर्ताओं में मायूसी
*पूर्वांचल के पांचो विधायकों को टिकट से अटकलों पर विराम *सहारनपुर और बरेली में नाराजगी, भाजपा दो फाड़
विनोद शाही 
गोरखपुर, 17 जनवरी। उत्तरांचल और यूपी के लिए घोषित भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची मे दूसरे दलों से आए नेताओं को मिली तरजीह से खांटी भाजपाईयों मे असंतोष की खबरें मिलनी शुरू हो गयी हैं। उत्तरांचल मे काग्रेसियों पर मेहरबान भाजपा को बागियों से खतरा है तो यूपी के सहारनपुर मे भाजपा के जिलाध्यक्ष ने ही जिले की कई सीटों पर बसपा और कांग्रेस से आए नेताओं को पार्टी का टिकट दिए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि पूर्वी उत्तरप्रदेश की पांच सीटों पर अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देकर आलाकमान ने उनके टिकट कटने को लेकर चल रही सभी अटकलों को खारिज कर दिया है। खबर यह भी है कि पूर्वांचल की कई सीटों पर सपा, बसपा, एनसीपी से पाला बदलकर भाजपा मे आए विधायकों, नेताओं पर पार्टी मेहरबानी के मूड मे है, शायद इसी पेंच को सुलझाने के लिए सोमवार को भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ अचानक दिल्ली पहुंचे।
चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों मे तोड़फोड़ का इतिहास पुराना है। दलबदल कर हाऊस मे पहुंचने का तिकड़म करने वाले विधायक कभी इस दल कभी उस दल से टिकट पाने मे सफल रहते हैं वहीं दलों का झंडा ढोने वाले कार्यकर्ता हर बार ठगे जाते हैं। यूपी की सत्ता मे आने का ख्वाब देख रही भाजपा की पहली सूची मे सपा, बसपा और कांग्रेस से कुछ दिन पूर्व ही पाला बदलने वाले कई विधायकों का नाम देख कार्यकर्ता अगली सूची मे दलबदलुओं के टिकट की कयासबाजी मे मशगूल हो गये हैं।
पूर्वांचल की 62 मे से दर्जनों सीटों पर दलबदलू पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ने वाले हैं। इन्हे जिताऊ कहा जा रहा है मगर कार्यकर्ता इन पर टिकाऊ न होने के आरोप लगाते हैं। सीटवार नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि गोरखपुर जिले की कैम्पियरगंज पर भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव समीर सिंह समेत चार लोग दावेदार हैं मगर इसी सीट से कई बार दलबदल करने वाले विधायक फतेह बहादुर सिंह अब भाजपा से दावा ठोक रहे हैं। बहुचर्चित चिल्लूपार सीट से बसपा छोड़कर भाजपा मे आए विधायक राजेश त्रिपाठी को कमल निशान मिल जाय तो कोई हैरानी नही होगी। यहां से विजय यादव, मायाशंकर शुक्ला समेत छह उम्मीदवार हैं।
पिपराइच से हत्या के अभियोग में सजा काट रहे पूर्व मंत्री पप्पू जैसवाल की पत्नी अनीता जैसवाल कमल चाहती है। यहां योगी समर्थक महेन्द्र पाल समेत कई दावेदार हैं। सपा,बसपा से चुनाव लड़ चुके कौड़ीराम के पूर्व विधायक अम्बिका सिंह के पुत्र विपिन सिंह गोरखपुर ग्रामीण से प्रबल दावेदार हैं। यहां भी भाजपा से कई दावेदार हैं। कुशीनगर जिला की खड्डा सीट से कांग्रेस विधायक विजय दुबे, पडरौना से बसपा विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य अब भाजपा मे आ चुके है। जाहिर है यहां भाजपा कार्यकर्ताओं को कुर्बानी देनी होगी।
देवरिया जिला की बरहज, भाटपार रानी और रामपुर कारखाना सीट पर क्रमश: बसपा विधायक सुरेश तिवारी, रमेश मौर्य आदि टिकट के नये दावेदार हैं। बस्ती जिला की रूधौली सीट पर अब कांग्रेस छोड़कर आए विधायक संजय जैसवाल के सामने भी अनुराधा चौधरी समेत कई भाजपा नेता टिकट की लाइन मे हैं। सिद्धार्थनगर जिला की शोहरतगढ़ सीट पर बसपा से आए चौधरी अमर सिंह नए दावेदार हैं। यहां से सांसद पंकज चौधरी की बहन साधना चौधरी चुनाव लड़ती रही हैं। डुमरियागंज सीट पर योगी आदित्यनाथ की हिन्दु युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेन्द्र सिंह पिछले चुनाव मे भाजपा प्रत्याशी थे। इसबार वहां से बसपा सरकार मे दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री राजू श्रीवास्तव भी भाजपा से दावेदार हैं।
आयातित नेताओं को तरजीह देने को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी सहारनपुर के बाद शाम को बरेली से भी आई।वहां टिकट वितरण से नाराजगी के चलते पार्टी दो फाड़ हो गयी। अगली सूची की प्रतीक्षा कर रहे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा जारी रही तो भाजपा की सत्ता की राह कोई और नही दल के बागी ही दुश्वार करने वाले हैं। पार्टी के एक कद्दावर नेता ने दल के निष्ठावानो की उपेक्षा पर कुछ ऐसी प्रतिक्रिया दी, ‘ बूथ हम बनाएं और मलाई खाएं दलबदलू “।

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