साहित्य - संस्कृति

‘ भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने की लड़ाई अभी भी जारी है ‘

शहीद भगत सिंह डॉ अम्बेडकर मंच की भगत सिंह की जयंती पर गोष्ठी

गोरखपुर, 28 सितम्बर. शहीद भगत सिंह डॉ अम्बेडकर मंच के तत्वाधान में शहीद भगत सिंह की जयंती की पूर्व संध्या पर 27 सिताम्बर को गोरखपुर विश्वविद्यालय के मजीठिया भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के विषय ‘  वर्तमान चुनौतियां और भगत सिंह ‘  पर बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने की लड़ाई अभी भी जारी है.  उनके सपनों का देश व समाज तभी बनेगा जब किसान, मजदूर, दलित, नौजवान, महिलाएं, आदिवासी सभी आजाद हिंदुस्तान में सही मायनों में आज़ादी महसूस करेंगे .

bhagat singh jayanti program 5

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे इतिहास विभाग के प्रोफेसर चन्दभूषण अंकुर ने कहा शहीद भगत सिंह के विचार वर्तमान समय की चुनौतियों के लिए बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने जिस तरह के भारत बनाने का सपना देखा था और उसके लिए शहादत दी थी , वह आज का देश नहीं है.  देश की परिस्थितियां उसके ठीक विपरीत होती जा रही है।
डॉ संध्या पांडेय ने महिलाओं की स्थिति पर बात रखते हुए कहा देश में पितृसत्ता के खिलाफ बड़े संघर्ष की जरुरत है. उसके बिना महिलाओं की आज़ादी संभव नहीं है. यह लड़ाई सिर्फ चुनाव के लिए लड़ने वाले राजनीतिक दलों के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती.

bhagat singh jayanti program 3
डॉ अलख निरंजन ने भगत सिंह द्वारा लिखे गये लेख ‘ अछूत समस्या ‘ का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत कम उम्र में उन्होंने देश के सभी प्रमुख सवालों पर सटीक विचार रखे थे. यदि उनकी जल्द शहादत नहीं हुई होती तो वह और डॉ आंबेडकर एक बेहतर भारत का निर्माण करने में सफल हुए होते. दलितों की समस्या पर बात रखतें हुए कहा कि हमें बाहरी चुनौतियों की अपेक्षा आंतरिक चुनौतियों से लड़ना होगा।

bhagat singh jayanti program 4
जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह ने साम्प्रदायिकता, दलित प्रश्न, गैरबराबरी पर भगत सिंह के विचारों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी आज़ाद भारत की स्पष्ट संकल्पना थी. उन्होंने कहा भी कि युद्ध छिड़ा हुआ है और यह तब तक चलेगा जब तक शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर अपना एकाधिकार जमाये रखेंगे. चाहे एइसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति, अंग्रेज शासक या सर्वथा भारतीय ही हों. श्री सिंह ने उन्होंने क्रन्तिकारी कार्यक्रम के मसविदा में उल्लिखित बुनियादी काम का जिक्र करते हुए कहा कि ये लक्ष्य आज भी पूरे नहीं हुए हैं जिसकी लड़ाई हमें लडनी है.
गोष्ठी में सुजीत कुमार, जे एन शाह, शलेश कुमार, पवन, कुमार, किसान सभा के अरुण कुमार, राजेश साहनी, प्रदीप कुमार पल्टा ने बात रखी, गोष्ठी में फतेह बहादुर सिंह, आनंद पांडेय, प्रमोद कुमार, भरत शर्मा, रामआसरे बौद्ध, इमामुदिन संतोष, राजाराम चौधरी, बैजनाथ आदि लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे।
गोष्ठी का संचालन महेंद्र कुमार गौतम ने तथा धन्यवाद ज्ञापन श्रवण कुमार ने किया।

Related posts