साहित्य - संस्कृति

“भगवान की महा नरक यात्रा ” का मंचन

गोरखपुर, 9 अक्तूबर। अर्द्धनिर्मित प्रेक्षागृह को पूर्ण कराने के उद्देश्य से रंगाश्रम द्वारा चलाए जा रहे रंगान्दोलन के 1229 वीं शनिवारीय कड़ी में वरिष्ठ रंगकर्मी के0सी0 सेन द्वारा निर्देशित नाटक “भगवान की महानरक यात्रा” का  मंचन कार्मल स्कूल के सामने अर्द्धनिर्मित प्रेक्षगृह के खुले मंच पर किया गया ।
नाटक का कथानक समाज में फ़ैले अंधविश्वास, जाति- पात , भेद- भाव ,कुरीतियों तथा भौतिक सुबिधाओं के चक्कर में हो रहे पर्यावरण नुकसान पर कुठाराघात किया गया । भगवान आश्चर्य में तब पड़ जाते हैं जब उन्ही की बनाई स्वर्ग से सुन्दर पृथ्वी को एक पंडित महानरक बता देता है । यह बात भगवान को खल जाती है और इसकी पुष्टि के लिए भगवान स्वयं पंडित के साथ पृथ्वी पर आते हैं और यहां अत्याचार ,दुराचार, भ्रष्टाचार ,पर्यावरण व अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह लोगों को देखकर काफ़ी दुख व पीडा का अनुभव करते हैं । हद तो तब हो जाती है जब भगवान के नाम पर लोग आपस में लड़ना शुरू कर देते हैं और जब भगवान द्वारा उन लोगों को समझाने की कोशिश की जाती हैं कि ईश्वर , अल्लाह , गॉड , वाहे गुरू सब मैं ही हुं , भगवान एक हैं । इस पर वहां लड़ रहे लोगों ने इनका मजाक उड़ाते हुए किसी नौटंकी पार्टी का बहरूपिया बताकर मारने पड़ते हैं और भगवान को वहां से अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है और पंडित की बातों पर विश्वासकर कि वास्तव में हमारे द्वारा बनाई गई स्वर्गरूपी पृथ्वी महानरक हो गई है और दु:ख ,पीडा व पश्चाताप के आंसु लिए स्वर्गलोक चले जाते हैं ।
नाटक में भगवान की भूमिका में अमित पटेल व पण्डित की भूमिका में सतीश वर्मा ने बेहतरीन अभिनय किया । अन्य कलाकारों में मनोज वर्मा, आकाश ,विवेक शुक्ला, रज्जव अंसारी, अखिलेश, आदित्य ने भी अच्छा अभिनय किया । इस दौरान शहर के जाने माने रंगकर्मी ओमप्रकाश बच्चा जी उपस्थित रहे।

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