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मदनपुर में निर्दोष लोगों पर पुलिस दमन रोके सरकार -भाकपा माले

भाकपा माले जांच दल ने जारी की जांच रिपोर्ट
गोरखपुर, 12 जनवरी। भाकपा माले की राज्य कमेटी द्वारा गठित जांच दल ने सात जनवरी को देवरिया जिले के मदनपुर कस्बे का दौरा कर वहां 22 वर्षीय रहमतुल्लाह की हत्या और उसके बाद उग्र भीड़ द्वारा मदनपुर थान जलाने और बड़े पैमाने पर निर्दोष लोगों के उत्पीड़न की घटना की जांच की। जांच दल में भाकपा माले की राज्य कमेटी के सदस्य राजेश साहनी, प्रेमलता पांडेय, रामकिशोर वर्मा और ओमप्रकाश निषाद शामिल थे। जांच कमेटी ने मदनपुर से वापस लौटने के बाद आज अपनी जांच रिपोर्ट जारी की। जांच दल ने प्रदेश सरकार से मदनपुर में निर्दोष लोगों पर ढाए जा रहे पुलिस जुल्म को तत्काल रोकने की मांग की है।
भाकपा माले जांच दल ने कहा कि दो वर्ष पहले भी साबिर नाम का युवक गायब हुआ था और बाद में उसकी लाश मिली थी। पुलिस आज तक उसकी हत्या का खुलासा करने के बजाय दबा दिया। दो वर्ष बाद उसी तरह रहमतुल्लाह के गायब होने और फिर हत्या होने की घटना में स्थानीय पुलिस ने घोर लापरवाही बरती जिससे लोग उग्र हुए। थाना फूंकने की घटना में चंद उपद्रवी शामिल थे लेकिन पुलिस बड़े पैमाने पर मदनपुर और आस-पास रहने वाले लोगों की धरपकड़, बर्बर पिटाई और गंभीर आपराधिक मुकदमों में गिरफ्तारी की जा रही है। लोगों के घरों में तोड़फोड़ की गई है और घर के सामनों को नष्ट किया गया है। यहां तक कि डेढ़ दर्जन से अधिक महिलाओं को पुलिस ने बुरी तरह पीटा और उन्हें पकड़ कर ले गई। पुलिस की पिटाई से दर्जनों लोग घायल पड़े हैं और उन्हें इलाज की व्यवस्था से वंचित किया जा रहा है। मदनपुर के चारों तरफ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है जिसके कारण महिलाएं नित्यक्रिया के लिए बाहर तक नहीं निकल पा रही हैं। एफआईआर में तमाम ऐसे लोगों का नाम शामिल है जो घटना के दिन से पहले ही मदनपुर में नहीं थे। दो ऐसे लोग हैं जो कमाने के लिए दुबई चले गए हैं, उनके नाम भी एफआईआर में दर्ज किए गए हैं।

भाकपा माले द्वारा जारी जांच रिपोर्ट
देवरिया जनपद का थाना मदनपुर एक गांव भी है जहां पठान मुस्लिम सर्वाधिक हैं। राप्ती नदी के करीब इस गांव की आबादी दस हजार से अधिक है। देवरिया से पश्चिम लगभग 31 किलोमीटर कछार में यह गांव स्थित है। इसी गांव का एक कोटिया मुहल्ला है जो अंसारी बाहुल्य है जो बेहद गरीब हैं और अधिकतर लोग आजीविका के लिए विदेश चले जाते हैं।
इसी मुहल्ले के निवासी फैज मोहम्मद का 22 वर्षीय रहमतुल्लाह चार वर्ष से मुम्बई में रह कर वेल्डिंग का काम करता था। चार नवम्बर को वह गांव आया था। वह 31 दिसम्बर को वापस मुम्बई जाने वाला था। 30 दिसम्बर की सुबह पांच बजे वह शौच के लिए घर से डिब्बा लेकर निकला लेकिन वापस घर नहीं लौटा। काफी देर बाद भी जब वह घर नहीं लौटा तो घर वालों ने उसकी तलाश की लेकिन पता नहीं चला। थाना गांव में ही है। उसी दिन शाम को फैज थाने पहुंचे और रहमतुल्ला के गायब होने के बारे में तहरीद थी। पुलिस ने परिजनांे को खुद आस-पास और रिश्तेदारी में ढूंढने की नसीहत दी। एक जनवरी को थाने का एक सिपाही फैज मोहम्मद के घर आया और उसने कहा कि रहमतुल्लाह दस किलोमीटर दूर रूद्रपुर में मैच देखने गया है। मुझसे बात हुई है, वापस आ जाएगा लेकिन एक, दो व तीन जनवरी को भी रहमतुल्लाह न तो घर लौटा न उसका पता चला। इस बीच परिजनों ने एसपी से भी मुलाकात कर रहमतुल्लाह को ढूंढने के लिए पुलिस को सक्रिय करने का निवेदन किया जिस पर उन्हंे आश्वासन मिला।
चार जनवरी की सुबह केवटलिया गांव के पास राप्ती नदी केे किनारे रहमतुल्लाह की लाश मिली। यह जानकारी जब मदनपुर पहुंची तो सैकड़ों लोग वहां पहुंच गए और शव के साथ मदनपुर चैराहे पर रास्ता जाम कर पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करने लगे। पुलिस द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आक्रोशित लोग थाने पहुंच गए और पुलिस पर रहमतुल्लाह को ढूंढने में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए गुस्सा जताने लगे। रहमतुल्लाह का पड़ोसी 17 वर्षीय साबिर उसकी तरह ही दो वर्ष पहले शौच के लिए घर से निकला था और गायब हो गया था। दो दिन बाद उसकी भी लाश मिली थी। पुलिस कोई ठोस कार्यवाही करने की कौन कहे आज तक उसकी हत्या के कारणों का खुलासा नहीं कर सकी है। इस कारण गांव के लोगों को पुलिस के खिलाफ जबर्दस्त गुस्सा था। लोगों का कहना था कि जब इस तरह की घटना दो वर्ष पहले हो चुकी है तब भी पुलिस ने रहमतुल्लाह का पता लगाने में ढिलाई की जिसके कारण उसकी हत्या हो गई। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी साफ हो गया है कि रहमतुल्लाह की हत्या हुई थी और उसके शव के नदी में फेंक दिया गया। उसके सिर पर चोट के निशान पाए गए हैं।

मदनपुर में पीड़ितों से बात करतीं भाकपा माले स्टेट कमेटी की सदस्य प्रेमलता पांडेय
मदनपुर में पीड़ितों से बात करतीं भाकपा माले स्टेट कमेटी की सदस्य प्रेमलता पांडेय

मदनपुर पुलिस का कहना है कि गुस्साए लोगों ने थाने में आग लगा दी और एसओ, सीओ की गाड़ी सहित 6-7 वाहन फूंक दिए। पुलिस के अनुसार भीड़ 19 राइफल और 38 रिवाल्वर लूट ले गई। पूरे तीन घंटे तक तोड़फोड़ आगजनी की गई। सिर्फ 31 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से पुलिस फोर्स को मदनपुर पहुंचने में तीन घंटे लग गए। इसके बाद पुलिसिया धरपकड़ व उत्पीड़न के जरिए राज्य मशीनरी का हनक स्थायी करने का कार्य प्रारम्भ हुआ।
आईजी, डीआईजी, एसपी सहित जिले के सभी थानों के एसओ, दरोगा, पुलिस कर्मियों के अलावा पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर मदनपुर और आस-पास की बस्तियों में घटना के दिन से ही पुलिस बल द्वारा तोड़फोड़, धरपकड़ किया जा रहा है।

जांच टीम को कोटिया मुहल्ले में रहमतुल्लाह के 56 वर्षीय पिता फैज, उनके चाचा व पांच बहने मिलीं। फैज मोहम्मद एक बेहद छोटे से घर में रहते हैं जिसकी दीवार मिट्टी की है और उसके उपर टिन शेड डाला गया है। रहमतुल्लाह का बड़ा भाई वर्षो से बाहर रहता है। इस परिवार की किसी से कोई अदावत नहीं है। रहमतुल्लाह बेहद सीधा नौजवान था और उसकी कोई बुरी सोहबत नहीं थी।
घटना के बाद से 10 हजार की आबादी वाले मदनपुर कस्बा में सन्नाटा पसरा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। लोग पुलिस कार्रवाई की डर से अपने घरों से भागे हुए हैं। आए दिन पुलिस लोगों को पकड़ कर जेल भेज रही है। पुलिस ने एक हजार अज्ञात और 43 लोगों के नाम से बलवा करने, हत्या का प्रयास करने, लूटमार करने, आगजनी करने, सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इतनी बड़ी संख्या में अज्ञात लोगांे के नाम एफआईआर से पुलिस जिसको चाह रही है, पकड़ ले जा रही है। पुलिस ने कोल्हुआ निवासी पंकज पांडेय की ओर से भी तहरीर लेकर एक हजार अज्ञात और 11 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। केवटलिया निवासी इन्द्रसेन यादव की तहरीर पर भी मुकदम दर्ज किया गया है। उनका आरोप है कि उनके घर में घुस कर लोगों ने मारपीट की। एफआईआर में बन्जन पुत्र मुस्लिम (35) और जुबैर पुत्र गुलफाम ( 28) का भी नाम है, जो घटना के दिन मदनपुर में थे ही नहीं। जुबैर 3 जनवरी को ही दुबई जाने के लिए मदनपुर से रवाना हो गया था। बस से जा रहे 20 लोगांे को भी पुलिस ने पकड़ लिया। अब तक 70 से अधिक लोगों को पुलिस पकड़ चुकी है और धर-पकड़ का सिलसिला जारी है।

जांच टीम के पहुंचने पर 10 वर्षीय सैफ, सात वर्षीय अफसाना और नौ वर्षीय सन्नों मिले। परिचय देने पर और धीरे-धीरे विश्वास का माहौल बनने के बाद दो दर्जन लोग जिनमें बूढे, महिलाएं और बच्चे थे जुट गए। सात महिलाओं ने पुलिस द्वारा बुरी तरह पीटे जाने की बात बतायी और जांच टीम को शरीर पर मौजूद चोटों के निशान दिखाई। लोगों ने बताया कि छह जनवरी की रात और उसके पूर्व भी पुलिस ने दर्जनों घर में घुस कर घर के दरवाजे, शौचालय की सीट, बक्सा, टेलीविजन सब तोड़ दिया। पुलिस खैरुनिशां, नूरजहां, मुरान्निशां, हफीजुन्निशां, उन्नी, तेतरा, जैनव, फातिमा, अख्तर, तारा, हजीजुन्निशां, जुलेखा सहित 17 महिलाओं को मारते-पीटते उठा ले गई। हफिजुन्निशां की नाबालिग बेटियां बिलख रही हैं और उनके सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है क्योंकि उनके पिता भी नहीं हैं और उनकी देखरेख करने वाली मां को पुलिस उठा ले गई।
जांच दल ने मदनपुर थाने में मौजूद पुलिस कप्तान से मुलाकात कर पुलिस उत्पीड़न रोकने, निर्दोषों की धरपकड़ बंद करने, गांव के किनारे-किनारे तैनात पुलिस कर्मियों को हटाने ताकि महिलाएं सुबह-शाम शौच के लिए बाहर जा सकें, रहमतुल्लाह की हत्या का खुलासा करते हुए हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की। जांच दल ने देवरिया पहुंच कर सीएमओ से मुलाकात की और पुलिस की पिटाई से घायल महिलाओं के इलाज की व्यवस्था करने की मांग की।
भाकपा माले नेताओं ने कहा कि भाजपा इस घटना को लगातार साम्प्रदायिक तूल देने में लगी हुई है। भाजपा नेता इस घटना में आईएसआई की साजिश होेने जैसे बयान देकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं वहीं क्षेत्रीय कांग्रेसी विधायक, सपा, बसपा नेता इस घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं और उन्होंने पीडि़तों की सुधि तक लेने की कोशिश नहीं की है। इससे उनके अल्पसंख्यक हितैषी होने के स्वंयभू दावे का पर्दाफाश होता है।

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