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एएसपी को डांटने वाले भाजपा विधायक बोले -मीडिया ने 24 घंटे में मुझे गुंडा विधायक बना दिया

पत्रकार वार्ता कर भाजपा विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपना पक्ष रखा

कहा -एएसपी को सिर्फ चुप रहने को बोला था

बोले-गोरखपुर शहर को शराबखाना बनाकर रख दिया गया है, इसके खिलाफ 10 मई को आंदोलन करेंगे
गोरखपुर, 8 मई। गोरखपुर नगर के भाजपा विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने आज 4 बजे पत्रकार वार्ता कर कल एएसपी एवं सीओ गोरखनाथ चारु निगम से हुए विवाद पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने इस घटना को लेकर मीडिया पर आरोप लगाया कि मीडिया ने 24 घंटे में उन्हें गुंडा और बदमाश विधायक बना दिया।

भाजपा विधायक ने शहर में मुहल्लों में बड़ी संख्या में शराब की दुकानें खोले जाने के विरोध में 10 मई को टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा पर आंदोलन करने की घोषणा की और नागरिकों से इस आंदोलन के समर्थन में आने की अपील की।

CHARU NIGAM

पत्रकार वार्ता में कल की घटना में पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगाने वालीं महिलाएं और मोहल्ले के लोग मौजूद थे लेकिन विधायक को समर्थन देने भाजपा नेता नहीं दिखे।

भाजपा विधायक ने कहा कि जिनके साथ अत्याचार हुआ हैं उन्हें देश के सामने कौन ले जायेगा ? कौन पूछेगा कि पीड़ित महिलाओं के अधिकार क्या हैं ? इनकी लड़ाई कौन लड़ेगा ? मुझे आप अपराधी बना दीजिए, मुझे कोई ऐतराज नहीं हैं, लेकिन पीड़ित छोटे बच्चे, गर्भवती महिला, 70 साल की वद्घा के साथ जो हुआ वह भी जनता के सामने रखिए।
उन्होंने कहा कि मैं विधायक के रुप में कार्य करता हूं। कोई मुझसे नहीं कह सकता है कि मैं स्त्री या पुरुष हूं। जब पीड़ित महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा था तो एएसपी को महिला अधिकार की बात नहीं समझ में आ रही थी। एसडीएम से मेरी बात हो गई तो अचानक वह दल-बल के साथ चली आयी। वह अपने विधायक को पहचानती ही नहीं हैं। उनको लोग बता रहे हैं कि यह विधायक हैं। वह अपने एसडीएम को भी नहीं पहचानती हैं। मैंने कहा ये एसडीएम साहब हैं। मैंने एएसपी से कहा कि मेरी और एसडीएम की बात हो रही हैं तुम चुप रहो। वह बीच में बोलती चली जा रही थीं, लगातार इंटरफेयर कर रही थीं। तब मैंने कहा कि चुप रहो। तुम इस बर्बादी की जड़ हो। बर्दाश्त की एक सीमा होती हैं। मैं सिर्फ एसडीएम से ही बात करुंगा ।

कल हुई घटना के खिलाफ कानूनी कार्यावाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीड़ित पुलिस से जहां तक लड़ेंगे यह इनका विषय हैं। अगर वे पुलिस के खिलाफ दरखास्त देते हैं तो मैं इनकी मजबूत पैरवी करुंगा। लेकिन मैं इनसे दरखास्त देने के लिए नहीं कहने वाला हूं। मेरा काम पीड़ितों से पुलिस के खिलाफ दरखास्त दिलाना नहीं हैं।

शराब की दुकानों के मुताल्लिक उन्होंने कहा कि मैं अाजिज हो गया हूं शराब की दुकानों से। इस शहर को शराबखाना बना दिया गया हैं। गली-गली शराब की दुकानें खोली जा रही हैं। मनमानी होती जा रही हैं। जिसका मन चाहा शराब की दुकान खोल लो बर्दाश्त की एक सीमा होती हैं। आबकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार तथा पुलिस से उनकी मिलीभगत ने पूरे शहर को शराब खाने में तब्दील कर दिया हैं। हर जगह नागरिक विरोध कर रहे हैं और उन्हें उनका विधायक होने के कारण उनके आंदोलन में जाना उनका धर्म हैं। उन्होंने कहा कि 10 मई को प्रात: 10 बजे टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा के पास पूरे दिन बैठेंगे। महानगर के जिन भी नागरिक समूहों को अपने मुहल्ले में आबादी के बीचो-बीच उनके विरोध के बावजूद नियमों के विरुद्ध अवैध ढ़ंग से खोली गयी शराब की दुकानों पर आपत्ति हो, वह अपने मोहल्ले के नागरिकों से हस्ताक्षर कराकर डीएम को संबोधित ज्ञापन की दो प्रति लेकर उन्हें सौंप दें। मैं एएसपी के खिलाफ धरने पर नहीं बैठ रहा हूं। न ही मैं किसी के स्थानान्तरण व बर्खास्तगी के पक्ष में भी नही हूं।

उन्होंने कहा कि शासन व प्रशासन हमेशा एक साथ नहीं चलते हैं । इन महिलाओं को वहां पहुंचने के लिए बाध्य किसने किया। हर पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व विधायक को इस देश के कानून के हिसाब से चलना सीखना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भले ही हमारी हैं लेकिन वह सरकार में नहीं हैं।

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