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मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां के सालाना उर्स-ए-पाक के मौके पर लगने वाला मेला शुरू

उर्स-ए-पाक का आगाज आज से
गोरखपुर, 31 जुलाई। भाईचारा व शांति का पैगाम देने वाले नार्मल स्थित हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां के सालाना उर्स-ए-पाक के मौके पर लगने वाले मेले का औपचारिक उद्घाटन रविवार को दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इकरार अहमद ने किया।
मेले का उद्घाटन करने के बाद इकरार अहमद ने कहा कि हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की खिदमत और अमन का संदेश देने में लगा दी। कहा कि हमें उनसे सीख लेकर एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि एक अच्छा इंसान ही अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और मुल्क के लिए भी अच्छा साबित होता है।
मौलाना मकसूद आलम ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती और हजरत मुबारक खां शहीद जैसे बुजुर्गों पर इंसानियत को हमेशा फख्र रहेगा। इन बुजुर्गाें ने विपरीत परिस्थितियों में भी अमन, सद्भाव और सामाजिक समानता पर जोर दिया।
इस दौरान मौलाना मकसूद आलम, सैयद मोहम्मद अली मोहतसिम कबीर, सैयद शहाब, मोहम्मद अली, शमसीर अहमद शेरू, तौकीर किक्कू, वहाज, अहमद हसन, सैयद सदफ, रमजान, बाॅबी, एजाज अहमद, सरवर, कुतुबुद्दीन, इमरान खान, अनवर आलम, कलीम, उमर कादरी, मोहम्मद कमर उर्फ राजू, रणवीर सिंह, दानिश गोरखपुरी, सद्दाम, महेन्द्र सिंह राणा, अनिल, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
दरगाह पर पहुंचने लगे अकीदतमंद, पढ़ी फातिहा
दरगाह पर रविवार की सुबह से ही अकीदतंद आने लगे। शाम तक बड़ी संख्या में लोग पहुंच चुके थे। उन्होंने फातिहा पढ़ा और तरक्की और अमनों अमान की दुआ की। दरगाह को खूब सजाया गया है। दरगाह परिसर में लगे मेले का लोगों ने जमकर  लुत्फ उठाया।
जलसे का आयोजन 
तहरीक-ए-दावत इस्लामी हिंद ने दरगाह परिसर में जलसे का आयोजन किया। जलसे को खिताब करते हुए सैयद वासिक बापू ने कहा कि नेक जज्बों के साथ हम लोगों को समाज में फैली बुराइयां दूर करनी हैं। हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां बुराइयों से लड़ते हुए अल्लाह की राह में शहीद हो गए थे। हमें उनसे सीख लेकर ‘नेकी की दावत’ देनी चाहिए।
नगर आयुक्त ने मेला परिसर का लिया जायजा
रविवार को नगर आयुक्त बीएन सिंह ने मेला परिसर का जायजा लिया। साफ-सफाई व्यवस्था देखी। जहां कुछ कमी दिखी जल्द दुरूस्त करवाने का आश्वासन दिया।
उर्स-ए-पाक का आगाज आज से
सोमवार को उर्स-ए-पाक का विधिवत आगाज रात्रि 10.00 बजे जलसा-ए-ईदमिलादुन्नबी व दस्तारबंदी के कार्यक्रम से होगा। जलसे में मौलाना सखावत हुसैन, मौलाना अलाउद्दीन व मौलाना मोहम्मद अली निजामी खिताब करेंगे। इस मौके पर फैजान-ए-मुबारक खां शहीद मदरसा से निकलने वाले हाफिज मोहम्मद आरिफ की दस्तारबंदी भी मुख्य अतिथियों द्वारा की जायेगी। भोर में प्रातः 3 बजे मजार का गुस्ल व संदल पोशी की जायेगी। मंगलवार को बाबा के मजार पर चादरपोशी की जाएगी।