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मुसलमानों को हर क्षेत्र में आरक्षण दिया जाए : कारी अफज़ल

-नरसिंहपुर में जलसा-ए-गौसुलवरा

गोरखपुर। हजरत सैयदना शैख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की याद में गुरुवार को नरसिंहपुर में जलसा-ए-गौसुलवरा हुआ। मुख्य अतिथि फैजाबाद के मौलाना सैयद मो. अब्दुर्रब ‘चांद बाबू’ ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स इल्म हासिल करने की राह पर चलता है अल्लाह उसके लिए जन्नत का रास्ता आसान कर देता है।

विशिष्ट अतिथि कुशीनगर के मौलाना कमरुद्दीन ने कहा कि असल इल्म वह है जो कुरआनी तालीमात पर मुश्तमिल हो। हमारा यह ईमान है कि उलूमे क़ुरआन व सुन्नत सबसे आला इल्म है।

संचालन करते हुए कारी अफज़ल बरकाती ने कहा कि जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत करती हुई ऐसी रिपोर्ट पेश की जिसे पढ़कर कोई भी ईमानदार शख्स इसे लागू करवाने की हिमायत करेगा। वह सेक्यूलरीज्म का रिपोर्ट कार्ड नहीं बल्कि एक पूरी कौम को आज़ादी के बाद सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों, प्राइवेट सेक्टर और दूसरे ज़रूरी आयामों से बेदखल कर देने का दस्तावेज़ था। उसमें बताया गया है कि मुसलमानों के हालात दलितों से भी बदतर हैं। सच्चर ने किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के कुछ मुसलमानों, सवर्ण अथवा पिछड़े मुसलमानों की बात नहीं कि थी बल्कि उन्होंने उस रिपोर्ट में हर एक मुसलमान की बात लिखी थी। हमारे वोट से सरकार बनाने वालों ने अपनी जाति, अपने लोगों को नौकरियां दी लेकिन मुसलमानों को दंगा, गाय, भगवा में फंसा कर शोषण करते रहे। इन सबके ज़िम्मेदार कौन लोग हैं? वे लोग जो खुद के विकास सूचकांक को बढ़ाते रहे लेकिन साथ में रहने वाले मुसलमानों की सुधि भी न ली। कभी फर्जी एनकाउंटर तो कभी दंगे। यही नियति बना दी गई हमारी। मुसलमानों को हर क्षेत्र में आरक्षण देकर उनको विकास के पथ पर अग्रसर किया जाना वक्त की जरुरत है।

कुरआन-ए-पाक की तिलवात कारी मो. शाबान बरकाती ने की। नात-ए-पाक कारी आबिद रज़ा निज़ामी ने पेश की। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो सलामती की दुआ मांगी गई। अकीदतमंदों ने लंगर-ए-गौसिया में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस मौके पर कारी खैरुलवरा, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद तौसीफ, मोहम्मद राशिद, मोहम्मद आरिफ, हाजी हकीकुल्लाह, मौलवी गुलाम रसूल, मौलाना रमज़ान, लाल मोहम्मद आदि मौजूद रहे।

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