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मेडिकल कालेज में सामाजिक कार्यकर्ता के साथ मारपीट के मामले की जांच शुरू

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शिकायत पंजीकृत किया, एमसीआई ने यूपी मेडिकल काउंसिल को कार्यवाही करने का निर्देश दिया
प्राचार्य ने जांच समिति गठित की, जांच समिति ने सामाजिक कार्यकर्ता को 24 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया
गोरखपुर, 16 अगस्त। बीआरडी मेडिकल कालेज में गंभीर रूप से बीमार मरीज को भर्ती न करने और उसके साथ आए सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अख्तर अली को चिकित्सकों द्वारा पीटने के मामले की जांच शुरू हो गई है। इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रजिस्टर्ड किया है तो मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने यूपी मेडिकल काउंसिल से मामले की जांच करउ कार्यवाही करने को कहा है। बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने शल्य विभाग के अध्यक्ष डा. योगेश कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। मरीज को मरीज को स्ट्रेचर समेत बाहर निकाला

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सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अख्तर अली रसूलपुर में रहते हैं। उनके पड़ोसी गंभीर रूप से बीमार थे जिन्हें लिवर सिरोसिस के अलावा हेड इंजरी थी। अख्तर ने मरीज को 23 अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती किया जहां उनका इलाज चल रहा था। हालत में सुधार न होने और स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सकों ने मरीज को 28 अप्रैल की शाम बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। अख्तर मरीज को लेकर शाम सात बजे मेडिकल कालेज पहुंचे।

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सैयद अख्तर अली

एमरजेंसी में मरीज का रजिस्ट्रेशन ( स्लिप न॰ 18860) कराने के बाद उन्हें एमरजेंसी के हेडइंजरी विभाग में ऑन ड्यूटी डॉक्टरों के पास भेजा गया। अख्तर जब वहां पहुचे तो ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने उटपटांग सवाल करने शुरू कर दिए। पहले उन्होंने कहा कि सवेरे क्यों नहीं आए। अख्तर ने कहा कि जिला अस्पताल के चिकत्सकों ने शाम को रेफर किया और वह तुरन्त एम्बुलेंस लेकर आए हैं। फिर डॉक्टरों ने कहा कि वह मरीज को भर्ती नहीं कर सकते। इस पर अख्तर ने मरीज की स्थिति का हवाला देते हुए आग्रह किया कि उनका तुरन्त इलाज जरूरी है। इस पर डाॅक्टर नाराज हो गए और कहा कि वह उन्हें ही भर्ती करेंगे। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें गालियां देते हुए मारपीट शुरू कर दी। एक डॉक्टर ने तो सुरक्षा में तैनात गार्ड का डंडा छीनकर उनके सिर पर मारने का भी प्रयास किया। वार्ड में उपस्थित अन्य मरीजों के परिजनो और उनके साथ आये सरकारी एम्बलेंस के सहायक द्वारा किसी तरह उन्हें बचाकर निकाला गया। डाॅक्टरों ने मरीज को भी भर्ती नहीं किया और स्ट्रेचर समेत बाहर कर दिया। रजिस्ट्रेशन स्लिप भी छीन ली गयी।
अख्तर अली ने घटना की सूचना मेडिकल कालेज के प्राचार्य को भी फोन पर दी लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। उन्होंने मेडिकल कालेज चैकी पर घटना के संबंध में तहरीर देकर दोषी डाॅक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की लेकिन पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।

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तब उन्होंने मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित कई संस्थाओं को पत्र लिखकर घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। उनके पत्र पर एमसीआई ने यूपी मेडिकल काउसिंह को कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। उपर से पड़े दबाव पर बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने भी डा. योगेश पाल की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। जांच समिति ने सैयद अख्तर को 24 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे साक्ष्य के साथ आने को कहा है।

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