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‘ मौलाना अब्दुल्लाह मदनी ने नेपाल में इल्म की रौशनी  जलाई ‘

सगीर ए खाकसार

इस्लामिक  स्कॉलर मरहूम अब्दुल्लाह मदनी झंडानगरी की स्मृति में इल्मी सेमिनार का आयोजन

बढ़नी (सिद्धार्थनगर), 10 नवम्बर। नेपाल के कृष्णनगर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस्लामिक  स्कॉलर मरहूम अब्दुल्लाह मदनी झंडानगरी के व्यक्तित्व व् कृतित्व पर आयोजित एक इल्मी सेमिनार में नेपाल और भारत के प्रमुख इस्लामिक धर्म गुरुओं  व् बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में मौलाना मदनी दुआरा नेपाल में किये गए कार्यों की सभी वक्ताओं ने जम कर प्रशंसा की।

 मरकुजुत तौहीद झंडानगर दुवारा आयोजित उक्त सेमिनार  में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना अब्दुल वहाब खिलजी ने कहा कि मौलना मदनी मेरे अज़ीज़ दोस्तों में से थे। उन्होंने नेपाल में इल्म की रौशनी जलाई। लोगों को शिर्क व् बिदअत से बचाया। वह बहुत ही नेक दिल इंसान थे। श्री खिलजी ने कहा कि कौम व् मिल्लत को लेकर बहुत ही फिक्रमंद रहते थे। मौलाना सलाहुद्दीन मकबूल अहमद ने मौलाना मदनी के ब्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि दीन की खिदमत ही उनका वाहिद फ़रीज़ा था। उन्होंने इल्म की जो शमा नेपाल में जलाई है उसे हमें बुझने से बचाना है।

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जामिया सिराजुल उलूम झण्डा नगर के नाजिम मौलाना शमीम अहमद नदवी ने अपने संबोधन में कहा कि मौलाना मदनी की खिदमात को जन जन तक पहुंचाने की ज़रूरत है। वह बहुत ही सरल,सादगी पसन्द,वतन से मोहब्बत करने वाले शख्सियत के मालिक थे। जमीअत अहलेहदीस नेपाल के अध्यक्ष मौलाना हारून ने कहा कि मौलाना मदनी ने नेपाल में जहाँ मुसलमानों की हालत इल्मी ऐतबार से बहुत ही बदतर है। बच्चियों को तालीम फ़राहम कराने का ज़िम्मा उठाया। उन्हें मालूम था जब एक लड़की शिक्षित होती है तो पूरा परिवार ही शिक्षित हो जाता है।मौलना अब्दुस्सबुर नदवी ने कहा कि मौलाना मदनी आलमी शोहरत याफ्ता इस्लामिक स्कॉलर थे।गैर मुल्कों में भी  उन्हें बहुत गौर से सुना जाता था। बहुत ही अच्छे वक्ता भी थे।

इस इल्मी सेमिनार को डॉ अबुज्जमा, वरिष्ठ पत्रकार कुत्बुल्लाह खान, अब्दुल हई मदनी, मौलाना खबीर आज़ाद झंडा नगरी, मौलाना अजीम, मौलाना अब्दुल मन्नान सल्फी, मौलाना खुर्शीद सल्फ़ी, मौलाना अब्दुल गनी अल कूफी आदि ने भी संबोधित किया। इस मौके पर किफायतुल्लाह खान,डॉ अनवारुल हक खान,मौलाना मशुद अहमद,मोहम्मद अहमद,जुनैद फैसल,अब्दुल नूर,मौलाना जमाल शाह,के अलावा बहुत से बुद्धजीवी मौजूद रहे।

इल्मी सेमिनार के पहले सत्र की अध्यक्षता मौलाना अब्दुर्रहमान मुबारक पूरी ने तथा दूसरे सत्र की अध्यक्षता मौलाना सलाहुद्दीन मकबूल अहमद ने की। सेमिनार का शानदार सञ्चालन अब्दुस्सबुर नदवी ने किया।

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