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राष्ट्रीय आजीविका मिशन में 107 समूहों की ॠण पत्रावली को दबाये बैठे हैं बैंक

महराजगंज, 18 दिसम्बर।  ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए  संचालित राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना बैंको की लालफीताशाही की शिकार है।महराजगंज जिले में कर्ज के लिए भेजी गई 107 समूहों की पत्रावली बैंकर्स दबाए बैठे हैं।
विकास विभाग द्वारा ग्रामीण गरीबों  को स्वरोजगार अपना कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके लिए विभाग रिवाल्विग फंड के रूप में  प्रति समूह 15हजार अनुदान देता है।  इसी के साथ समूह के लोग बैंकों में खाता खोलकर अपने समूह को  संचालित करते हैं। बाद में इन समूहों को बैंकों द्वारा 50 हजार का ॠण देते हैं।
लेकिन इस योजना के तहत कर्ट देने में बैंक इच्छुक नहीं दिख रहे हैं.  जिले में 107 स्वयं सहायता समूह की पत्रावली पर विभिन्न बैंकों ने कोई निर्णय नहीं लिया है.
परियोजना निदेशक जीडी गौतम ने बताया कि पूर्वांचल बैंक में 30, सेन्ट्रल बैंक में 14, इलाहाबाद बैंक में 4, भारतीय स्टेट बैंक में 22, पंजाब नेशनल बैंक में 6 सहित विभिन्न बैंकों में कुल 107 पत्रावली लंबित है। इन पत्रावलियो पर अभी तक ॠण स्वीकृत नहीं किया गया है ।
इस संबंध में परियोजना निदेशक जीडी गौतम ने कहा कि संबंधित बैंको को पत्र लिखकर कहा गया है कि उपरोक्त समूहों को रिवाल्विग फंड दिए तीन माह से अधिक दिन बीत गए मगर अभी तक बैक शाखा द्वारा स्वयं सहायता समूहों को लिंकेज नहीं किया गया। जिससे राष्ट्रीय आजीविका मिशन ( एनआरएलएम ) योजना प्रभावित हो रही है।

बैंको के साथ बैठक आज

परियोजना निदेशक जीडी गौतम ने कहा कि एनआरएलएम योजना में बैंको की उदासीनता को लेकर सोमवार को सायं साढे तीन बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक होगी।

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