जनपद

रिहाई मंच ने रानीपुर पुलिस मुठभेड़ को फर्जी बताया

दो दिन पहले ही संजरपुर से तीनों युवकों को पुलिस ने उठाया था 
खुदादादपुर सांप्रदायिक हिंसा से जोड़ने की हो रही है सांप्रदायिक कोशिश
प्रतापगढ़ में  विस्फोटक बरामदगी मामले में संघ की भूमिका की हो जांच
लखनऊ, 30 जुलाई। रिहाई मंच ने आजमगढ़ पुलिस द्वारा संजरपुर के तीन युवकों की आज बताई गई मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ के निजामाबाद थाने के रानीपुर गांव के पास जिन तीन युवकों सलमान, आफताब और अकरम को पुलिस मुठभेड़ में घायल और गिरफ्तार दिखाकर आजमगढ़ एसएसपी अजय कुमार साहनी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं उन तीनों युवकों को गुरुवार 28 जुलाई को संजरपुर चैक, छाऊं मोड़ के पास जब वे बाजार में थे तब गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि इन तीनों की गिरफ्तारी जब कई थानों की पुलिस और पीएसी लगाकर की गई थी तो आखिर उसी दिन इन्हें अदालत के सामने न पेश करना पुलिस की आपराधिक मानसिकता को उजागर करता है। जिस तरह से गुरुवार को पुलिस ने कहा कि संजरपुर गांव के पास पुलिस की घेरेबंदी के दौरान बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग में सरायमीर थाने पर तैनात आरक्षी नीरज मौर्य व औरंगजेब गोली लगने से घायल हो गए और घटना को अंजाम देकर बदमाश मौके से भागने में सफल रहे यह एक फर्जी पुलिसिया कहानी के सिवा कुछ नहीं है।  पुलिस ने आज जिस तरीके से इस मामले को मई में खुदादादपुर सांप्रदायिक हिंसा से जोड़ते हुए सीओ सीटी केके सरोज पर गोली चलाने वालों से जोड़ रही है, वह स्पष्ट करता है कि आजमगढ़ पुलिस प्रशासन सांप्रदायिक हिंसा में अपनी संलिप्तता व कमजोरी छिपाने के लिए पूरे मामले को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश कर रही है।
मंच ने एसएसपी अजय कुमार साहनी को तत्काल निलंबित करने और फर्जी मुठभेड़ में घायल बताए जाने वाले युवकोें के अपहरण व अवैध हिरासत में हत्या की कोशिश करने का पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। मंच ने कहा है कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे सांप्रदायिक जेहनियत के एसएसपी की तैनाती सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करती है कि वो कहीं आजमगढ़ को दूसरा मुजफ्फरनगर तो नहीं बनाना चाहती है।
प्रतापगढ़ से रिहाई मंच नेता शम्स तबरेज खान ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि प्रतापगढ़ के सांगीपुर क्षेत्र में स्थित घुइसरनाथ धाम मंदिर परिसर से विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार बिहारीगंज निवासी राजकुमार और अमेठी के गौरीगंज निवासी तुलसीराम के मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सूबे में सांप्रदायिक तत्व सक्रिय हैं और लगातार सांप्रदायिक घटनाएं हो रही हैं ऐसे में इस तरह से विस्फोटकों की बरामदगी की घटना को सामान्य घटना नहीं माना जा सकता।

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