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विधायक के साथ ग्रामीणों का आंदोलन रंग लाया, कटान रोकने का काम शुरू हुआ

कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू ने लिखित समझौते और कार्य शुरू होने पर पांच दिन बाद आंदोलन खत्म किया
पडरौना ( कुशीनगर),  7 जून। तमकुही के एपी तटबन्ध को नारायणी नदी की कटान से बचाने के लिए अविलम्बर बचाव कार्य शुरू करने की मांग को लेकर क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में ग्रामीणों का आंदोलन कामयाब रहा। आंदोलन से दबाव में आए गंडक सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता रामअवतार सिंह पाच मई को मौके पर पहुंच और बताया कि बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने लिखित रूप में कहा कि तटबंध को चौड़ा करने और जहां कहीं भी तटबंध कमजोर है उसकी मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाएगा।

अधीक्षण अभियंता राम अवतार सिंह और कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू
अधीक्षण अभियंता राम अवतार सिंह और कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू

अधीक्षण अभियंता राम अवतार सिंह और विधायक अजय कुमार लल्लू ने पांच सूत्रीय समझौता पत्र पर हस्ताक्षण भी किया। इसके बाद श्री लल्लू और ग्रामीणों ने एक जून से चल रहा सत्याग्रह स्थगित करने की घोषणा की।
समझौते में गंडक सिंचाई कार्य मंडल -2 द्वारा कहा गया है कि पिपराघाट व जंगली पट्टी के कि. मी 8.260 से 11.000 के मध्य तथा अहिरौलीदान ग्राम के पास परियोजना का जो कार्य स्वकृति है, उसे तत्काल शुरू किया जा रहा है। जिन स्थानों पर अभी कार्य शुरू नहीं हुआ है, वहां दो से तीन दिन में कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।

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तटबंध को 8.650 किमी के पास 300 मीटर की लम्बाई में तटबंध को चौड़ा किया जाएगा। नरवाजोत पिपराघाट सड़क पर स्वीकृत कार्ययोजना के मुताबिक दो-तीन दिन में कार्य शुरू हो जाएगा। जहां कार्ययोजना स्वीकृत नहीं है, वहां आकस्मिक कार्य प्ररम्भ कर दिया गया है। स्पर किमी 10.518 बाघाचैर का कार्य परियोजना स्वरूप दो-तीन में दिन शुरू हो जाएगा और सभी कार्य गुणवत्ता के साथ होंगे।

पाँच सूत्रीय सम्झौता पत्र
पाँच सूत्रीय सम्झौता पत्र

लिखित समझौते के साथ ही साथ कार्य प्रारम्भ होने के बाद विधायक अजय कुमार लल्लू जी ने ग्रामीणों के साथ धरने को समाप्त करने और सत्याग्रह को स्थगित करने की घोषणा की।
आंदोलन के चौथे दिन विधायक और ग्रामीणों ने तीन घंटे तक नारायणी नदी में जल सत्याग्रह किया था।

कटान स्थल पर बोल्डर गिरने का कम शुरू हो गया है
कटान स्थल पर बोल्डर गिरने का कम शुरू हो गया है

अधीक्षण अभियंता रामअवतार सिंह ने बताया कि एपी तटबंध अतिसंवेदनशील तटबंधों की सूची में हैं। एपी तटबंध 17 किलोमीटर लम्बा है। नरायणी नदी में पानी कम होने से तटबंध पर कटान शुरू हो जाती है। सरकार ने तटबंध की मरम्मत व बचाव कार्य के लिए 370 करोड़ की कार्ययोजना स्वीकृत किया है। इसमें से आधा धन मिल भी गया है। कार्ययोजना के मुताबिक कार्य शुरू किया जा रहा हैै। कटान स्थलों पर एप्रन डालकर काम किया जाएगा।

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