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विश्वविद्यालय की गलतियों का खामियाजा क्यों भुगतें छात्र

-राजेन्द्र प्रसाद ताराचन्द महाविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2015-16 के बीए व बीएससी प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा न होने को प्रकरण
-प्रमुख सचिव ने कुलसचिव को लिखा पत्र लिख पूछा – विश्वविद्यालय की गलतीयों का खामियाजा क्यो भुगत रहे छात्र
निचलौल, 13 जुलाई। राजेन्द्र प्रसाद ताराचन्द महाविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2015-16 के बीए व बीएससी प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा न होने को प्रकरण में प्रमुख सचिव ने गोरखपुर विश्वविद्यालय को जिम्मेदार ठहराया है। प्रमुख सचिव ने 9 महाविद्यालयों में अध्यनरत छात्रों के भविष्य के मद्देनजर आवश्यकर कार्यवाही को लेकर कुलसचिव गोरखपुर विश्वविधालय गोरखपुर को पत्र लिखा है।
कुलसचिव गोरखपुर विश्वविधालय को लिखे अपने पत्र में प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने कहा कि जब राजेन्द्र प्रसाद तारा चन्द महाविद्यालय निचलौल द्वारा स्थायी सम्वद्धता के लिये 19 जुलाई 2014 को ही आवेदन कर 9 जनवरी 2015 को निरीक्षण मंडल हेतु फीस 10000 रूपये जमा कर दिये गये थे तो निरीक्षण मंडल का गठन दो माह बाद 30 जून 15 को क्यो किया गया। जबकि निरीक्षण मंडल के गठन की अन्तिम तिथि 20 मार्च 15 थी। यही नही निरीक्षण आख्या प्रस्तुत करने की भी अन्तिम तिथि 15 अप्रैल 15 निर्धारित थी। निरीक्षण मंडल के गठन में हुई विश्वविधालय की देरी का खामियाजा इन महाविधालयों में पढने वाले छात्रों को भुगतना पड रहा है जिनका इस प्रकरण में कोई दोष नही है।यही नही अगर निरीक्षण मंडल ने तय समय में अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को नही सौंपा तो निरीक्षण मंडल के सदस्यों व सचिव पर विश्वविधालय ने अबतक कोई कार्यवाही क्यो नही किया। ऐसे ही तमाम सवालों को दृष्टिगत करते हुये अपने पांच पेज के पत्र में प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने सात विन्दुओं पर विश्वविधायल के मनमानी को उल्लेखित करते हुये दोषी बताया है।साथ ही तय समय से आवेदन व फीस जमा करने वाले 9 महाविद्यालयों मे प्रवेशित छात्र छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुये कुलसचिव को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।

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