स्वास्थ्य

वैक्सीन के रखरखाव के लिए सही तापक्रम की आवश्यकता: सीएमओ

ब्लाक स्तरीय कोल्ड चेन हैंडलर का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
देवरिया ।
मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के धन्वंतरि सभागार में सोमवार को सीएमओ डॉ डीबी शाही की अध्यक्षता में ब्लाक स्तरीय कोल्ड चैन हैंडलर का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें कोल्ड चैन हैंडलर को उनके कार्यों व वैक्सीन के रख-रखाव से अवगत कराया गया।
सीएमओ ने कहा नियमित टीकाकरण कर्यक्रम में कोल्ड चैन हैंडलर की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। टीकाकरण में वैक्सीन के रख रखाव के लिए उचित तापक्रम की आवश्यकता होती है, जिसे शीत श्रृंखला कहा जाता है। सभी वैक्सीन को निर्धारित तापक्रम प्लस 2से 8 डिग्री में रखा जाता है, जिससे की वैक्सीन की गुणवत्ता बऱकरार रह सके। प्रशिक्षक प्रोजेक्ट आफिसर यूएनडीपी राजीव रंजन ने प्रशिक्षण देते हुए कहा इ विन एप्प के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से वैक्सीन की स्थिति और तापक्रम को इंटरनेट से देखा जा सकता है। जब से ई-विन कार्यरत हुआ है, वैक्सीन की रख रखाव में गुणात्मक सुधार आई है। यू महंगे वैक्सीन को सुरक्षित रख रखाव कर के ही बर्बाद होने से बचाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग में कोल्ड चैन हैंडलर्स की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। उन्होंने वैक्सीन के रखरखाव व उनके उपयोग की जानकारियां भी दी। उन्होंने कहा कि नई शुरू होने जा रही वैक्सीन रोटा वायरस के संबंध में पहले ही समूह सीनियर मेडिकल अफसर, ब्लाक नोडल अफसर, ब्लाक ऐजूकेटर, एएनएम, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों का प्रशिक्षण हो चुका है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन के सही रख रखाव के लिए सरकार की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंट नेटवर्क चलाया जा रहा है, जिसमें हर कोल्डचेन प्वाइंट का जिला स्तर, स्टेट स्तर और राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों की तरफ से निरीक्षण किया जाएगा कि पूरी वैक्सीन प्रमाणित तापमान पर रखी गई है और वैक्सीन की कमी न हो, यह भी यकीनी बनाया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ वीपी सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह,वैक्सीन चैन मैनेजर हेम नारायण पांडेय, एआरओ राकेश चंद सहित स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

जिले में हैं 18 कोल्ड चेन प्वाइंट
सीएमओ ने बताया वैक्सीनों के रखरखाव के लिए 18 कोल्ड चैन प्वाइंट बनाये गए हैं। इसके साथ ही एक जिला वैक्सीन भंडार बनाया गया है जहां से सभी कोल्ड चैन प्वाइंट पर वैक्सीन की सप्लाई की जाती है। वैक्सीन उपयोगी या अनुपयोगी है, इसकी जांच कोई भी आसानी से कर सकता है, क्योंकि वैक्सीन वायल के ऊपर ही वीवीएम यानि वैक्सीन वायल मॉनिटर का लेवल लगा होता है, जिसका रंग तापमान के अनुरूप बदलता है।

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