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सपा नेता का सीएम को खुला खत – छोटे दलों से गठबंधन कीजिये, विकास के नाम पर जीत मुश्किल

‘ विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगे तो हश्र शीला दीक्षित वाला होगा ‘ 

‘ हमारा देश जाति प्रधान है , धर्म प्रधान है , विकास प्रधान नहीं ‘

गोरखपुर, 23 अगस्त। ‘ समाजवादी पार्टी के मिशन २०१७ को पूरा करने के लिए छोटे दलों से गठबंधन की दरकार हैं। सीएम साहब फलां अपराधी है कहना बंद कीजिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर भी तो मुकदमें है। भाजपा का अपराधी पवित्र, सपा का अपराधी पापी यह नहीं चलेगा । ‘
सीएम अखिलेश यादव को संबोधित यह चिट्ठी लिखी है सपा के पूर्व जिला सचिव मोहम्मद आसिम खान नें। उन्होने 16 अगस्त को लिखी यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक भी कर दिया है।

वह पत्र में लिखते हैं कि ‘ विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगे तो हश्र शीला दीक्षित वाला होगा। यदि विकास में जरा भी सच होता तो शीला दीक्षित दिल्ली हार कर उप्र का रुख नहीं करती। सीएम साहब आपको कैसे बतायें कि बिहार के विकास पुरुष नीतिश कुमार की सीट लालू यादव की पार्टी से कम है।

 इस चिट्ठी का विषय है ‘ उप्र के मुसलमानों के सबंध में बड़ी अपील ‘। सपा नेता आगे लिखते हैं कि ‘ 2017  का चुनाव जटिल व कठिन है। खासकर अल्पसंख्यकों के लिए। इस चुनाव में तीन प्रमुख दलों में से कई दल समाप्त होने वाले हैं। आदर्श की बात दरकिनार कर गठबंधन कीजिए। ‘ सपा नेता की इस पोस्ट को फेसबुक पर खूब लाइक भी मिली है और उनकी बात का समर्थन किया गया है।

पूरा पत्र इस प्रकार है  –

प्रतिष्ठा में
माननीय अखिलेश यादव जी
उत्तर प्रदेश सरकार
लखनऊ

विषय:-उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के सम्बनध मे आपसे बड़ीअपील !

महोदय,
आपको अवगत कराना है कि आजाद भारत मे तथा कथित धर्मनिरपेक्ष काग्रेस ने हमें कँहा से कँहा पहुंचा दिया उसने सच्चर कमेटी बनाया इस कमेटी ने देश के बहुसंख्यक समाज को ऐलानिया बताया कि देखो हमने भारतीय मुसलमानों को 60 वर्षों मे शुद्रों से भी नीचे पहुंचा दिया । इसी तरह तमाम दल हमसे वोट लेकर अपनी सरकार बनाते हैं अपना और अपनी बिरादरी का उत्थान करते हैं ।जब मुसलमानों के सवाल पर खुल कर बोलना हो तो वह प्रायः चुप रहते हैं हमारे मारे गये लोगों को मुआवजा दे कर मरहम लगाना , सुरक्षा के नाम पर पैदाईशी और पुरखों का घर बार छोड़ कर पलायन करवाना , नए घर बनवाने के लिए मामूली मुआवजा देना , और ये कहना कि फलाँ दगें के पहले किसी दगें मे इतनी जल्दी मुआवजा कभी नहीं दिया गया । दलो के बड़े धर्मनिरपेक्ष नेताओं की चुप्पी के कारण मोहम्मद आजम खान सरीखे कद्दावर नेता को U NO जैसी सँस्था को पत्र लिखने के लिए मजबूर होना पड़ता है जब देश की पार्टियां चुप रह कर मूक समर्थन करती है तो ऐसी सूरत में मोहम्मद आज़म खान की कही बात मुसलमानों को अच्छी लगती है ।जो भी मुस्लिम लीडर अपने समाज की हिमायत मे बोलता है तो भारतीय मिडिया उसे कट्टर और दहशतगर्द बताने में अपनी उर्जा लगाता है ।ऐसी सूरत मे मुसलमान क्या करे ? बहुत दुखी मन से इस पोस्ट को डाल रहा हूँ मऊ मे भाजपा ने राजभर समाज की पार्टी भारतीय समाज पार्टी से गठबन्धन किया और , गौरी गणेश को भगवान न मानने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या को भाजपा ने स्वीकार लिया एक आप हैं जो छोटे दलों से गठबंधन करने के बजाए विकास पर चुनाव लड़ना चाहते हैं अब आपको कैसे बताए कि बिहार के विकास पुरुष माननीय नीतीश कुमार की सीट आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी की पार्टी से कम है। विकास एक अनन्त प्रक्रिया है जिसे कोई पूरा नहीं कर सकता है। हमारा देश जाति प्रधान है ।धर्म प्रधान है , विकास प्रधान नहीं ,विकास भूलभूलैया जैसा है जो अच्छा तो लगता है परन्तु उस पर वोट कदापि नहीं मिलता है ।यदि विकास में जरा भी सच होता तो शीला दिक्षित दिल्ली हार कर उत्तर प्रदेश का रुख ना करतीं ।

अतः आपसे निवेदन करता हूँ कि 2017 का चुनाव बहुत कठिन और जटिल चुनाव है खास कर अल्पसख्यकों के लिए इस चुनाव मे तीन प्रमुख दलों मे से कई दल समाप्त होने वाले हैं अगर 2017 का चुनाव भाजपा हारी तो 2019 मे भाजपा का केन्द्र से सुपड़ा साफ हो जाएगा ।आपसे अनुरोध है कि फलां अपराधी है उससे गठबन्धन नही करेगें कहना बन्द किजिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के उपर अनगिनत मुकद्दमें है उन्हे तो कोई अपराधी नही कह रहा है तो सपा के सहयोगी को अपराधी कौन कहेगा ?भाजपा का अपराधी पवित्र और सपा का अपराधी पापी ये नहीं चलेगा ? भरमाने वालों से दूर बहुत दूर रहें ।
सरकार जबतक है आदर्श की बात करने वाले खूब मिलेगें सरकार चली गयी तो हमारे जैसे वो कार्यकर्ता जो बगैर किसी पारिश्रमिकी के आपके साथ रहा है वही रहेगा आदर्श वाली बात करने वाले दूरबीन से खोजे नहीं मिलेगें ।

धन्यवाद

भवदीय
मोहम्मद आसिम खान
पूर्व जिला सचिव
समाजवादी पार्टी
गोरखपुर

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