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12 युवा कथाकारों ने कहानी पाठ कर प्रेमचन्द को याद किया

अलख कला समूह ने प्रेमचन्द की दो कहानियों-बूढी काकी, मंदिर का मंचन किया
प्रेमचन्द जयंती कार्यक्रम का दूसरा दिन

गोरखपुर। प्रेमचन्द साहित्य संस्थान द्वारा प्रेमचन्द जयंती पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में आज अलख कला समूह ने प्रेमचन्द की दो कहानियों पर आधारित नाटक किस्से प्रेमचन्द के का मंचन किया तो द राइटर्स अड्डा के 12 युवाओं ने अपनी कहानियों का पाठ किया। इस मौके पर प्रेमचन्द साहित्य संस्थान की पत्रिका ‘ कर्मभूमि-6 ’ और पतहर की प्रो परमानन्द श्रीवास्तव पर केन्द्रित विशेष अंक का लोकार्पण भी हुआ।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत प्रेमचन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद दोनों पत्रिकाओं का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण वरिष्ठ कथाकार एवं नाट्यकर्मी राजाराम चौधरी, कवि सुरेश चंद्र , इप्टा के सचिव डा. मुमताज खान, पतहर के सम्पादक चक्रपाणि ओझा, प्रेमचन्द साहित्य संस्थान के सचिव मनोज कुमार सिंह, अरूण प्रकाश पाठक, द राइटर्स अड्डा की आकृति विज्ञा अर्पण ने किया।

लोकार्पण कार्यक्रम के बाद अलख कला समूह ने प्रेमचन्द की दो कहानियों-बूढ़ी काकी व मंदिर को आधार बना कर बुने गए नाटक ‘ किस्से प्रेमचंद के ‘ का मंचन किया। नाटक में सुखिया की भूमिका में गुडि¬या मौर्या, पुजारी की भूमिका में हिमांशु ओझा, रूपा की भूमिका में अनन्या और बूढी काकी की भूमिका में शशि गुप्ता ने प्रभावशाली अभिनय किया। अन्य भूमिकाओं में निखिल वर्मा, आदित्य यादव, चन्दन यादव, गोविन्द प्रजापति, रागिनी मौर्य, मनु सिंह, अनुप्रिया, चंदन कुमार का भी अभिनय सराहनीय रहा। रूप सज्जा अर्चना शाही का था जबकि सहयोग में सुमित श्रीवास्तव और आयुष साहनी रहे।

आज के कार्यक्रम की सार्थक उपलब्धि थी द राइटर्स अड्डा का कार्यक्रम ‘मानसरोवर ’। इस कार्यक्रम में 12 युवा कथाकारों-आयुष, मोहित, शिवा त्रिपाठी, आदित्य, अनूप, सुस्मिता, दिव्यांशु, आजाद गौरव, इकबाल, अभिषेक, अमृत और आकृति विज्ञा अर्पण ने अपनी कहानियों का पाठ किया। शिवा त्रिपाठी ने ‘ भरोसा ‘, सुस्मिता शुक्ल ने ‘ आचार का डिब्बा ‘, इक़बाल अशरफ ने ‘ दलाली ‘, दिव्यांश सिन्हा ने ‘ माँ का ख़त ‘, अमृत चन्द्र मिश्र ने ‘ पांच रूपये ‘, अनूप मल्होत्रा ने ‘ पतलू भईया ‘, आजाद गौरव ने ‘ तीन कप ‘, कृष्णा पाण्डेय ने ‘ सफरनामा ‘ , अभिषेक पाण्डेय ने ‘ यशस्वी भव ‘, आकृति विज्ञा अर्पण ने ‘ बलात्कार ‘ , मोहित ने ‘ ईदगाह पार्ट -2 ‘ शीर्षक कहानी का पाठ किया.

कहानी पाठ के लिए मोहित दिल्ली से, शिवा त्रिपाठी बस्ती से और आयुष सुल्तानपुर से आए थे। इन कथाकारों ने अपनी कहानियों में आधुनिक जीवन व परम्परागत मूल्यों में द्वंद, यौन हिंसा, प्रेम, मूल्यों के पतन, आज समाज के यथार्थ को उकेरा। कहानी की प्रस्तुति भी एकदम नए तरीके की थी।

कहानी पाठ के अंतराल में अंकिता पंडित ने भोजपुरी के गीत भी सुनाए। संचालन आकृति विज्ञा अर्पण ने किया। कहानी प्रस्तुत करने वाले युवा कथाकारों को प्रेमचन्द की रचनाओं की पुस्तक, स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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