डा. आरएन सिंह का क्लीनिक ढहाया गया, हाईकोर्ट ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को पक्ष रखने बुलाया

गोरखपुर। जिला प्रशासन ने मंगलवार को सुमेर सागर स्थित शंकर क्लीनिक को ढहा दिया। यह क्लनिक के प्रसिद्ध चिकित्सक डा आर एन सिंह और उनकी पत्नी डा. बीना सिंह का था। डा. आर एन सिंह ने अरोप लगाया कि यह मामला हाईकोर्ट में था और 28 को जिला प्रशासन को इस मामले में जवाब देना था लेकिन बिना किसी पूर्व सूचना, नोटिस के क्लीनिक भवन का ढहा कर प्रशासन ने असंवैधानिक, गैरकानूनी कार्य किया है।

जिला प्रशासन का कहना है कि सुमेर सागर मूल रूप में ताल है जिस पर गलत तरीके से स्थायी और अस्थायी भवन बनवा लिए गए हैं। पिछले कुछ दिनों से इस स्थान से प्रशासन अस्थायी व स्थायी निर्माण हटा रहा है। इसी प्रक्रिया में मंगलवार की सुबह डा. आरएन सिंह की क्लीनिक और कुछ अस्थायी निर्माण हटाए गए हैं।

स्थायी निर्माण कराने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने इस जमीन का रजिस्टर्ड बैनामा कराया है। जीडीए ने नक्शा पास किया है। सड़क, नाली, बिजली की भी सुविधा दी गयी है। फिर यह निर्माण अवैध कैसे हो गया।

इसी स्थान पर शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक शंकर क्लीनिक है। यह क्लीनिक उनकी पत्नी डा. वीना सिंह के नाम से है। डाॅक्टर दम्पत्ति काफी दिनों से यहां पर मरीजों को देखते हैं। डा. वीना सिंह ने यह जमीन 2002 में खरीदी थी। बैनामा कराने के बाद उन्होंने जीडीए से अनुमति लेकर 2009-10 में इसका निर्माण कराया।

ढहाने के पहले शंकर क्लीनिक

इधर जब उन्हें जानकारी हुई कि निर्माण तोड़े जा रहे हैं तो उन्होंने छह जुलाई को हाईकोर्ट में स्टे के लिए याचिका दायर की। हाईकोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई हुई जिसमें अदालत ने पूछा कि किस आधार पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हो रही है ? इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इसका जवाब देने के लिए एक दिन का समय मांगा। डा. सिंह ने बताया कि 28 जुलाई को न्यायालय को जवाब देने के पहले सुबह 8.40 बजे उनका क्लीनिक ढहा दिया गया। क्लीनिक को गिराने के बारे में उन्हें लिखित या मौखिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गयी।

डा. सिंह ने बताया कि क्लनिक गिराने की जानकारी उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में 28 जुलाई को रखी। इस पर हाईकोर्ट ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को बुधवार को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है।