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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं ने आन्दोलन के 30 वें दिन अर्थी जुलूस निकला, रास्ता जाम किया

गोरखपुर , 18 अक्टूबर. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाएं लगातार 30 दिन से अपना मानदेय बढ़ाने और इस विभाग के कर्मचारियों को राजकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर धरनारत है। आन्दोलन में प्रतिदिन कुछ न कुछ नया करके विरोध प्रदर्शन की नीति अपनाई जा रही है। मंगलवार को नगर निगम पार्क में प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर गोरखपुर जनपद की समस्त आंगनबाड़ियों और सहायिकाओं ने धरना-प्रदर्शन किया और अर्थी जुलूस निकल कर रास्ता जाम किया.

धरना -प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष गीता पाण्डेय ने कहा कि यह धरना पूरे प्रदेश भर में जोर-शोर से चल रहा है। 30 दिन के बावजूद भी जो कमेटी गठित की गई है,उसकी रिपोर्ट आने में लेट लतीफी के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां भुखमरी के कगार पर पहुंच गईं हैं।

गोरखपुर की आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां एवं सहायिकाओं ने एक बजे नगर निगम पार्क से अर्थी जुलुस निकला. यह जुलुस गांधी प्रतिमा, टाउनहाल, कलेक्ट्रेट चौराहा, जिला परिषद, अम्बेडकर चौराहा, प्रेस क्लब होते हुए शास्त्री चौक पर पहुंचा. जहां कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं ने बीच रोड पर अर्थी रखकर जाम लगा दिया और नारेबाजी करने लगी। वह नारे लगा रही थीं -चार हजार बहुत कम है,महंगाई कमरतोड़ है. योगी तेरे राज में, भूखी मर रही आँगनबड़ियाँ.  सीएम तुझमे दम है कितना ,देख लिया है देखेंगे.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां
इसके पूर्व सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने दीपावली के बहिष्कार की घोषणा की है।कार्यकर्त्रियों का कहना है कि 4 हजार के मानदेय में जब पेट नहीं भर रहा है तो दीपावली कैसे मनाएंगे।
गौरतलब है कि मानदेय बढ़ाये जाने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एशोसिएसन के बैनर तले नगर निगम पार्क में कार्यकत्री और सहायिका एक माह से धरनारत है।कार्यकर्त्रियों का कहना है कि मात्र 4 हजार के मानदेय से हम लोग अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। हम लोगो के सामने बड़ी समस्या खड़ी है ,हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे है। जिसके कारण उनका भविष्य उज्जवल नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले योगी जी ने वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी तो आप लोगो का मानदेय बढ़ा दिया जायेगा।लेकिन सरकार बनते ही योगी अपना वादा भूल गए। कार्यकर्त्रियों का कहना था कि जिस मानदेय में हमारे बच्चे भूखे सो रहे है, उस 4 हजार की मानदेय में हम त्यौहार कैसे मना सकते है। इसलिए हम दीपावली त्यौहार का बहिष्कार करते है ।हम त्यौहार नहीं मनाएंगे और इसी पार्क में धरना देंगे।

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