भीम आर्मी ने प्रदर्शन कर आरक्षण बचाओ और सीएए-एनआरसी हटाओ का नारा बुलंद किया

गोरखपुर। रविवार को भीम आर्मी का नगर निगम स्थित रानी लक्ष्मी बाई पार्क में पहला जोरदार विरोध प्रदर्शन शांति के साथ हुआ। भारत बंद के आह्वान पर जुलूस निकालने में भीम आर्मी कामयाब नहीं हो सकी।

अप्रत्यक्ष रूप से एससी, एसटी और ओबीसी का सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने वाले निर्णय और सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में यह विरोध प्रदर्शन हुआ।

यह प्रदर्शन भीम आर्मी के भारत बंद के क्रम में हुआ। हालांकि भारत बंद का असर शहर में नज़र नहीं आया। कुछ एरिया में इक्का दुक्का दुकानें बंद रहीं।

आरक्षण बचाओ, संविधान बचाओ, सीएए, एनआरसी व एनपीआर हटाओ, देश बचाओ का नारा बुलंद करते हुए भीम आर्मी ने जमकर नारेबाजी की। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रदर्शन स्थल पर ही जिला प्रशासन को सौंपा गया। जिसके जरिए मांग की गई कि संविधान विरोधी सीएए को वापस लिया जाए, एससी, एसटी व ओबीसी को नौकरियों में मिलने वाले प्रोन्नति में आरक्षण को जारी रखा जाए। एनआरसी व एनपीआर का भीम आर्मी ने जमकर विरोध किया और डीएनए आधारित एनआरसी लागू करने की मांग की।

प्रदर्शन का नेतृत्व भीम आर्मी जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह गौतम ने किया। प्रदर्शन में पूर्वांचल सेना, असुर छात्र संगठन, भारत एकता मिशन की सहभागिता रही।

सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में सैकड़ों की तादाद में युवा शामिल हुए। जिनके हाथों में डॉ. भीमराव अम्बेडकर, कबीर दास, संत गाडगे, फूलन देवी, कांशीराम, बिरसा मुंडा, सावित्री बाई फूले, फातिमा शेख की तस्वीर थी। कुछ के हाथों में तिरंगा व नीला झंडा था। एक युवा भारतीय संविधान भी लिए हुआ नज़र आया।

युवाओं के हाथों में तख्तियों थी जिस पर नारा लिखा हुआ था संविधान जिंदाबाद, लोकतंत्र जिंदाबाद, सीएए हटाओ, एनआरसी, एनपीआर नहीं चलेगा, आरक्षण बचाओ, देश बचाओ, मनुवादी न्यायाधीश होश में आओ, जातिवाद मुर्दाबाद, डीएनए आधारित एनआरसी लागू करो आदि। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में हैं भाई-भाई व जय भीम का नारा भी गूंजा। जय भारत, संविधान जिंदाबाद, प्रतिनिधित्व जिंदाबाद, मनुवाद मुर्दाबाद, केंद्र सरकार होश में आओ, सीएए वापस लो, एनआरसी, एनपीआर रद्द करो जैसे गगनभेदी नारे लगे।

शाहीन बाग़ आंदोलन का समर्थन जताते हुए बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस, एआईएमआईएम के नेताओं पर तंज कसा गया। देश में भाईचारा बढ़ाने पर जोर दिया गया।

ज्ञापन के जरिए कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया सीएए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लघंन है। सरकार का इस अधिनियिम को पारित करना संविधान विरोधी कृत्य है। गृहमंत्री द्वारा एनआरसी व एनपीआर लागू करने व सीएए के मामले में एक इंच पीछे न हटने जैसे बयान बार-बार देने से देश के एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। जिससे संविधान के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है। भीम आर्मी सीएए, एनआरसी व एनपीआर का विरोध करती है। सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी को मिलने वाला आरक्षण संवैधानिक है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण से नियुक्ति व प्रोन्नति में आरक्षण को समाप्त करना भी संविधान विरोधी है।

पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने संविधान बचाने व देश जोड़ने की बात की। उन्होंने देश में सरकार चलाने वालों को वासुदेव कुटुम्बकम् पर चलने की नसीहत दी। संवैधानिक अधिकारों के खत्म किए जाने पर चिंता जाहिर कर आवाज़ उठाने की बात कही। सीएए को संविधान विरोधी बताया। सीएए के द्वारा संविधान बदलने की कोशिश पर सबका ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि हमारी नागरिकता कागज का टुकड़ा तय नहीं करेगा।

इस मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस जल्द प्रदर्शन खत्म करने का दबाव बनाती रही। पुलिस ने कहा माहौल खराब है ज्ञापन देकर प्रदर्शन समाप्त कीजिए। अंत में सभी ने संत गाडगे के चित्र पर फूल अर्पित किया और प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

इस अवसर पर भीम आर्मी मंडल प्रभारी धर्मेंद्र बौद्ध, जिला कोषाध्यक्ष इंद्रेश कुमार, प्रशांत कुमार, छात्र नेता सत्येंद्र कुमार, सुरेंद्र वाल्मीकि, मंजेश कुमार, सुनील चौहान, अनिल प्रजापति, रोहन यादव, प्रशांत कुमार, वेदप्रकाश बेदी, जावेद आलम, महेश गौड़, संतोष सिंह सैथवार, अभय यादव, सनी निषाद , विनीत कन्नौजिया, प्रदीप मौर्य समेत सैकड़ों की संख्या में युवा मौजूद रहे।