समाचार

आशा कार्यकर्ताओं पर बिफरे सीएम, बोले -सेवा नियमावली पढ़ो, आन्दोलन नहीं कर सकती

डीएम से कहा -जो आशा कार्य करने की जगह धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, उनकी जगह नई आशा कार्यकर्ताओं का चयन कर लिया जाए

गोरखपुर, 11 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज आशा कार्यकर्ताओं पर काफी नाराज हो गए. आल इंडिया आशा बहू कार्यकर्ता कल्याण सेवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव के नेतृत्व में जनता दरबार में मिलने आई आशा कार्यकर्ताओं से सीएमउनके द्वारा आन्दोलन करने पर नाराजगी जताई और कहा कि सेवा नियमावली के अनुसार वे प्रदर्शन नहीं कर सकतीं. मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के डीएम से कहा कि जो आशा कार्य करने की जगह धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, उनकी जगह नई आशा कार्यकर्ताओं का चयन कर लिया जाए।

आशा बहुओं का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनको अपनी मांगों का ज्ञापन देने आया था. उनकी बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें खरी-खरी सुनाई। कहा कि आप सभी सेवा नियमावली पढ़ो। आंदोलन की जगह जाकर काम करो।
मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची चंदा यादव और आशा कार्यकर्ताओं ने जब अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रखनी शुरू की तो सीएम ने सबसे पहला सवाल किया कि सेवा नियमावली पढ़ी हो। आशा बहुएं सीएम के सवाल पर चुप्पी साध गईं। इस पर सीएम बोले कि सेवा नियमावली के मुताबिक इस तरह से प्रदर्शन करना ठीक नहीं। तुम लोगों के कारण हम अपने प्रोग्राम में नहीं जा पाये। आंदोलन खत्म करो और जाकर जगह कार्य करो। उन्होंने डीएम से कहा कि जो आशा कार्य करने की जगह धरना प्रदर्शन कर रही हैं, उनकी जगह नई आशा बहुओं का चयन किया जाए।
उनकी ये बात सुनकर चंदा यादव और अन्य वर्कर बाहर निकल गईं। कई दिनो से आंदोलन कर रहीं आशा बहुओं ने बाहर मीडिया कर्मियों के आगे अपनी नाराजगी जाहिर कीं। कहा कि आंगनबाड़ियों का मानदेय बढ़ा दिया गया। हमारा भी मानदेय बढ़ाने का आश्वासन योगी आदित्यनाथ ने दिया था। जो वायदा चुनाव के समय किया था उसे उन्हें पूरा करना चाहिए। आशा बहुएं प्रोत्साहन राशि की जगह मानदेय तय करने की मांग को लेकर 25 मई से आंदोलित हैं। चंदा यादव ने कहा कि सीएम ने आशा बहुओं का अपमान किया है। वे किसी की धमकी से डरने वाली नहीं हैं। धरना को पांच दिन तक स्थगित किया गया है क्योंकि उन्हें एक बैठक में शामिल होने लखनऊ जाना है। आशा बहुओं का कार्य बहिष्कार मांगे न मानी जाने तक जारी रहेगा।

Related posts

2 comments

Comments are closed.