स्वास्थ्य

बच्चों को भर्ती करने की रैंकिग में देवरिया का जिला महिला अस्पताल अव्वल

छह माह में भर्ती किये गए 1450 बच्चे

देवरिया । जिला महिला अस्पताल में स्थित इंफेक्शन रहित बीमार नवजात शिशु देखभाल ईकाई (एसएनसीयू वार्ड) ने अप्रैल से सितम्बर माह में भर्ती किये गए बच्चों की रैंकिंग में प्रदेश में अपना स्थान बनाया है। नवजात की चिकित्सा, बच्चों को कम से कम रैफर करने व अन्य मानकों में यह यूनिट का कार्य भी सराहनीय रहा है।
सीएमएस डॉ माला सिन्हा ने बताया कि 10 बेड व 10 वेंटिलेटर वाले एसएनसीयू वार्ड में अप्रैल 2019 से लेकर सितंबर 2019 के बीच नवजात शिशु केन्द्र में कुल 1450 नवजात भर्ती किए गए। इसमें से 1263 नवजातशिशुओं की जान बेहतर उपचार देकर बचा ली गई और शिशु स्वस्थ होकर अपने घर लौटे। वहीँ गंभीर स्थिति को देखकर शेष नवजातों को बेहतर इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर किया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, सहायक शोध अधिकारी, बीसीपीएम, एएनएम, आशा, आशा संगिनी को सख्त निर्देश रहता है कि आशाओं द्वारा चिन्हित शिशुओं की देखभाल में कोई लापरवाही न हो। वहीँ यूनिसेफ के मंडलीय मॉनिटर बीरेंद्र चौबे व दिलीप गोविन्द राव की ओर से दिए गए फीडबैक को गंभीरता से लेते हुए कमियों के सुधार किया जाता है।

वार्ड की समय-समय होती है जाँच

सीएमओ डॉ धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि नवजात शिशुओं के एसएनसीयू वार्ड की समय-समय पर निरीक्षण कर जाँच की जाती है। चिकित्सकों को नवजात शिशुओं के देखभाल की उचित सलाह दी जाती है।

घर-घर जाती हैं आशा

डीसीपीएम डॉ राजेश गुप्ता ने बताया कि 28 दिन के नवजात का आशा हर घर 6 -7 बार पहुंचकर वजन, तापमान, स्तनपान, संक्रमण से बचाव, साँस की बीमारी आदि का अपने स्तर से जाँच करती हैं। इस दौरान कोई नवजात बच्चा किसी बीमारी से ग्रस्त है तो आशा एम्बुलेंस की सहायता से जिला महिला चिकित्सालय के नवजात शिशु देखभाल ईकाई (एसएनसीयू) लेकर जाती हैं। यहां से इलाज के बाद स्वस्थ नवजात बच्चे को घर पहुंचती हैं।

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