गोरखपुर। जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग 17 से 29 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाएगा। इसके तहत दो वर्ष व इससे ऊपर के सभी व्यक्तियों को आयु वर्ग के हिसाब से डीईसी (डाईएथाइल कार्बामाजिन साइट्रेट) और एल्बेंडाजोल नामक दवा की खुराक खिलाई जाएगी।
अभियान को लेकर शनिवार को आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि 16 फरवरी से जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित हो रहे मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में आए लोगों को दवा खिलाकर एमडीए कार्यक्रम का उद्घाटन किया जाएगा। 17 फरवरी को टीम द्वारा घर-घर और स्कूलों पर जाकर माइक्रोप्लान के अनुसार दवा खिलाई जाएगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इसके लिए गठित टीम में आशा और आंगनबाड़ी शामिल रहेंगी। इस तरह से एक टीम 25 घरों में जाकर अपने सामने दवा की खुराक खिलाएगी। दवा खिलाने के बाद अंगुलियों पर निशान और घरों को मार्क किया जाएगा।
दवा की खुराक भोजन के बाद ही लेनी है इसलिए स्कूलों में इसका समय सुबह 11 से शाम 5 बजे तक रखा गया है। दवा की खुराक गर्भवती स्त्रियों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को नहीं खिलानी है।
इस अभियान के लिए करीब 41 लाख की जनसंख्या को लक्षित किया गया है। जिसके लिए करीब चार हजार टीमें, 786 सुपरवाइजर, 24 पर्यवेक्षक और करीब आठ हजार ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर बनाए गए हैं।
फाइलेरिया को जानें-
फाइलेरिया को हाथी पांव नाम से भी जाना जाता है। यह क्यूलेक्स नामक मादा मच्छर के काटने से होता है। इसके परजीवी 5 से 15 साल तक आदमी के शरीर में जिंदा रहते हैं। शरीर के जिस हिस्से में ये मर जाते हैं वहां सूजन शुरू हो जाता है
पैर में सूजन, हाइड्रोसील, हाथ में सूजन, महिलाओं के स्तन में सूजन इसके लक्षण हैं। दवा खाने पर एक साल के लिए फाइलेरिया से प्रतिरक्षित हो जाते हैं। पांच साल तक लगातार दवा खाने पर हमेशा के लिए इससे प्रतिरक्षित हो जाते हैं।
आयु वर्ग के हिसाब से दवा की खुराक-
दो से पांच वर्ष के बच्चों को 100 mg डीईसी की एक गोली और 400 mg एल्बेंडाजोल की एक गोली।
पांच से 15 वर्ष के बच्चों को 200 mg डीईसी की दो गोली और 400 mg एल्बेंडाजोल की एक गोली।
15 से अधिक उम्र के लोगों को 300 mg डीईसी की तीन गोली और 400 mg एल्बेंडाजोल की एक गोली।