स्वास्थ्य

कुष्ठ रोगी खोज अभियान शुरू, 2596 टीमें करेंगी परीक्षण

4.87 लाख घरों पर पहुंचेगी टीमें, लोगों का करेंगी परीक्षण,  प्रति दिन हर टीम करेंगी 15 से 20 घरों का सर्वे

महराजगंज। जिले में सक्रिय कुष्ठ रोगी अभियान शुरू हो गया है। इसके लिए 2596 टीमें लगाई गई हैं। हर टीम प्रति दिन 15 से 20 घरों पर जाकर लोगों का परीक्षण करेगी। टीम के लोग करीब 4.87 घरों पर जाकर परीक्षण करेंगे। अभियान 28 फरवरी तक चलेगा।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रो बैक्टीरिया लेप्री नामक जीवाणु से होने वाली बीमारी है। कुष्ठ रोग के जीवाणु के शरीर के अंदर प्रवेश कर जाने के बाद प्रतिरोधक शक्ति कम होने पर कुष्ठ के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कुष्ठ रोग के कारण चेतना तंतुओं में खराबी आ जाने से शारीरिक विकृति और विकलांगता आ सकती है।

कुष्ठ रोगी खोज अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में छिपे हुए कुष्ठ रोगी की पहचान कर उनका जल्द से जल्द उपचार शुरू करना है। यदि कुष्ठ के मरीज की जल्दी पहचान करके उसका इलाज न शुरू किया जाय तो वह अपने परिवार एवं साथ रहने वाले अन्य समूह के लोगों में फैल सकता है।

इस अभियान में कुल 2596 टीमें लगी हैं। हर टीम में दो लोग लगाए गए हैं। जिसमें एक आशा दूसरा पुरूष कर्मी शामिल है। इस काम में 534 सुपरवाइजर भी लगाए गए हैं। टीम के सदस्य हर घर पर जाकर सभी परिवार के सभी लोगों का परीक्षण करेंगे।आशा कार्यकर्ता महिलाओं का तो पुरूष कर्मी पुरूषों का परीक्षण करेंगे।यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध मिला तो टीम उन्हे पर्ची देकर नजदीक के प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को संदर्भित कर देगी।

एसीएमओ ने जन सामान्य से अपील की है कि जब भी टीम के सदस्य घरों पर जाएँ तो रोग को छिपाएं नहीं, खुल कर बताएं ताकि समय से इलाज शुरू कराया जा सके। समय से इलाज शुरू होने से बीमारी ठीक हो जाएगी और लोग दिव्यांगता से बच सकते हैं।

क्या हैं कुष्ठ रोग के लक्षण

-कुष्ठ रोग के शुरूआत में एक या अनेक दाग हो सकते हैं।

– शरीर के त्वचा का रंग सामान्य से फीका या लाल रंग का स्पाट या उभरा हुआ दाग कुष्ठ रोग हो सकता है।

– शरीर पर गिने चुने दाग चकत्ते होने पर सुन्नापन होता है।

– त्वचा तैलीय लाल मोटी , सूजी हुई दिखाई देने केष अलावा कान का निचला हिस्सा मोटा होना या सूख जाना भौंहों के बाल कम होना या झङना।

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