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‘ शिक्षा व्यवस्था पर बाजार के हमले खिलाफ व्यापक जनांदोलन की जरूरी ’

 

पेरियार ललई सिंह यादव की जयंती समारोह में  ” सरकारी शिक्षा बचेगी तभी हमारा बच्चा पढ़ेगा ” पर परिचर्चा

संत कबीर मठ, कहांव (देवरिया). सामाजिक परिवर्तन के योद्धा ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी  पेरियार ललई सिंह यादव की जयंती समारोह में संत कबीर मठ कहांव में “सरकारी शिक्षा बचेगी तभी हमारा बच्चा पढ़ेगा ” विषय पर परिचर्चा हुई जिसमें शिक्षा व्यवस्था पर बाजार के हमले और नव ब्राह्मणवादी हमले के खिलाफ व्यापक जनांदोलन की आवश्यकता पर जोर दिया गया. आयोजन में मऊ से आई बिरहा गायिका सरोज त्यागी ने रूढ़ियों,अंधविश्वास के खिलाफ करारा प्रहार किया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समान शिक्षा आंदोलन उत्तर प्रदेश के संयोजक प्रोफ़ेसर महेश विक्रम ने कहा कि आज बाजार का विरोध किए बिना अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती और शिक्षा के उद्देश्य को नहीं प्राप्त किया जा सकता क्योंकि बाजार का इससे गठबंधन है.

कार्यक्रम के संयोजक संजयदीप कुशवाहा ने कहा कि आज सरकारी स्कूलों को बंद करके गरीबों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का काम किया जा रहा है. इसके खिलाफ हम सब को खड़ा होना होगा.

मनोज सिंह

जन संस्कृति मंच के महासचिव एवं पत्रकार मनोज सिंह ने सरकार की विकास के नाम पर की जा रही असलियत को आंकड़ों के माध्यम से उजागर करते हुए उसकी सभी स्तरों पर भारी असफलताओं को उजागर किया।

किसान नेता शिवाजी राय ने सामाजिक न्याय के नेताओं के वर्तमान फासीवादी सरकार का सहयोगी बन जाने की विडंबना को उजागर करते हुए जाति-धर्म की ओर से बाहर आकर समान शिक्षा और रोजगार की लड़ाई को तेज करने की बात की।

शिवाजी राय

पूर्व सांसद आस मोहम्मद अंसारी ने अमीरी गरीबी की बढ़ती खाई और उसके परिणाम पर अपने अपने विचार व्यक्त किए।

सामाजिक कार्यकर्ता कृपाशंकर ने सरकार द्वारा दलितों, मुसलमानों और गरीबों की बात करने वालों का उत्पीड़न के प्रश्न को उठाया। डॉक्टर राकेश गौतम ने सामाजिक राजनीतिक संकट के विविध आयामों को उजागर किया। श्रीराम मौर्य ने पेरियार ललई सिंह यादव के ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई और सच्ची रामायण के प्रकाशन से जुड़ी उनकी कानूनी लड़ाई के बारे में विस्तार से बताया और आज के दौर में उनके प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

भाकपा माले रेड स्टार के नेता कॉमरेड बाबूराम शर्मा ने आज की आर्थिक मंदी और शिक्षा जगत तथा रोजगार के संकट को रेखांकित करते हुए पूंजीवाद, साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए संयुक्त मोर्चा बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मंदी का मुकाबला समाजवादी समाज का स्थापना करके और पूंजीवाद को खत्म करके ही किया जा सकता है.

कार्यक्रम को बृजेश आजाद , एपावा की नेता गीता पांडेय, सविता,सोनी आजाद, अगम स्वरूप, अरविंद गिरी,अनिल शर्मा, प्रेमचंद यादव ,बिंदा सोना ,डॉक्टर चतुरानन ओझा, भूपेंद्र नाथ यादव ,रामप्रकाश यादव मुन्ना, प्रभा जी, रमेश चंद ,जयप्रकाश भारती , राकेश कुमार सिंह,अजय कुशवाहा,चक्रपाणि ओझा, सुजीत कुमार श्रीवास्तव, संतोष नारायण चौधरी, हरकेश चौधरी ,मनोज चौधरी ने विशेष रूप से संबोधित किया। दिव्या खुशबू राधा ने गीत प्रस्तुत किए.

अभिमन्यु ने कबीर वाणी का पाठ किया कुसुम दास जी ने अपने कबीर मंडली के साथ कबीर वाणी का गायन किया मऊ से आई प्रख्यात बिरहा गायिका सरोज त्यागी ने अपने बिरहा के माध्यम से ललई सिंह के यादव संत रविदास बाबासाहेब आंबेडकर ज्योतिबा फुले से संबंधित बिरहा के माध्यम से लोगों में जागरूकता का संचार किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वंभर ओझा ने किया। जयंती समारोह में कबीर मत कर क्षेत्र की जनता ने भारी संख्या में हिस्सेदारी की जिसमें महिलाएं किसान मजदूर शिक्षक एवं सभी वर्गों के लोग शामिल थे।

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