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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस : 29 अगस्त को 01 से 19 वर्ष के 15 लाख बच्चों को खिलायी जाएगी दवा

गोरखपुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर 29 अगस्त को अपने 01 से 19 साल के बच्चे को एल्बेंडाजाल टेबलेट (पेट के कीड़े मारने की दवा) जरूर खिलाएं। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है जिसे प्रशिक्षित चिकित्सक, शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के देखरेख में सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों व तकनीकी संस्थानों में नि:शुल्क खिलायी जाएगी। किसी को भी घर ले जाकर दवा खाने की अनुमति नहीं होगी। इस अभियान के तहत जनपद में करीब 15.49 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने 16.50 लाख एल्बेंडाजाल गोलियों का प्रबंध किया है।

बुधवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत तिवारी ने दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे के लिए दवा सुरक्षित है, अभिभावक बेहिचक होकर दवा खिलाएं। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होते हैं उन्हें दवा खाने पर मिचली, चक्कर या घबराहट की दिक्कत हो सकती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बच्चा थोड़ी देर में ठीक हो जाता है। इस अभियान के तहत 01 से 05 वर्ष तक के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों मे दवा खाएंगे। जबकि 06 से 19 वर्ष तक के बच्चे अपने-अपने स्कूलों में दवा खाएंगे। इसके अलावा इस श्रेणी के जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं उनके अभिभावकों को मोटिवेट कर आंगनबाड़ी केंद्र लाकर दवा खिलायी जाएगी।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि 30 अगस्त से 04 सितंबर तक माप अप राउंड चलेगा जिसमें एक-एक बच्चे को मीजल्स-रूबेला कैंपेन की तर्ज पर दवा खिलाई जाएगी। अभियान के नोडल व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी नंद कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ खोराबार पीएचसी पर किया जाएगा। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक व प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों के प्रत्येक स्कूल पर जाकर अभियान में शामिल होंगे। पहली बार इस अभियान में पालीटेक्निक, आईटीआई और पैरामेडिकल के छात्रों को भी दवा खिलायी जाएगी। सभी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कत की स्थिति में वह तुरंत स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर मदद करें।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस बार लक्ष्य बढ़ाने के अलावा अधिकतम कवरेज का निर्देश दिया गया है। इस बार 8.33 लाख स्कूली बच्चों, 4.79 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों और 2.46 लाख स्कूल न जाने वाले बच्चों को दवा खिलाने की तैयारी है। प्रदेश के 57 जनपदों में यह अभियान चलेगा जिसमें गोरखपुर भी शामिल है। अभियान के सफल संचालन के लिए जनपद में 5063 शिक्षकों, 3808 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, 4039 आशा और एएनएम को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

ऐसे खिलायी जाएगी कृमि मुक्ति की दवा

किसी भी बीमार बच्चे को यह दवा खिलाने से मना किया गया है। ऐसे बच्चों को दवा तभी खिलायी जाए जब वह स्वस्थ हो जाए।
01 से 02 वर्ष के बच्चों के लिए आधी दवा को दो चम्मच के बीच चूरा करके पानी में मिलाकर खिलाना है। जबकि 02 से 03 वर्ष के बच्चों को पूरी दवा को चूरा करके पानी मेंं मिलाकर खिलाना है। 03 से 19 वर्ष के बच्चों को पूरी दवा चबा कर खाना है और पीने का पानी साथ रखना है। शिक्षक या आंगनबाड़ी अपनी देखरेख में ही दवा खिलाएंगे।

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