कुशीनगर . बिहार के वाल्मीकिनगर बाघ्र परियोजना के जंगल में वाइल्ड लाइफ इंस्टीटयूट आफ इंडिया तथा डब्ल्यू डब्ल्यू इंडिया की ओर से 300 कैमरे के ट्रेप तस्वीरों द्वारा बाघों की गिनती की गयी है। बाघों की बढती संख्या व चहलकदमी करते शावक को देखकर वन विभाग के अधिकारी गद्गद है।
बाघों की गणना में लगे ट्रैप कैमरों तस्वीरों की संख्या जानने के लिए टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी को भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट मिलते है कि 2019-20 की गणना में बाघों की संख्या अंकित कर ली जाएगी। पिछले वर्ष बाघों की संख्या 35 थी लेकिन अबकी बार वन विभाग के अधिकारियों द्वारा 31 बाघ व बाघिन और 9 शावक बताए जा रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार इनकी संख्या 40 हो गयी है।
वाल्मीकिनगर बाघ्र परियोजना नेपाल व उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी है जिसका क्षेत्रफल 901 वर्ग किमी0 में फैला है। वल वन क्षेत्र में भापसा,
मनोर, मसान, हरहा आदि नेपाल आई नदिया बहती है तथा दक्षिण में यूपी0 सीमा पर नारायणी नदी बहती है।
इस विशाल जंगल को दो डिवीजन में बांटा गया है। प्रथम डिवीजन में गोवर्धना,रघिया, मंगुरहा तथा दूसरे डिवीजन में वाल्मीकिनगर, गनौली,मदनपुर, हरनाटाड, चिउटहा आदि रेंज है।
मुख्य वन संरक्षक डा0 डीके शुक्ला के अनुसार मौसम के बदलाव, वाटर हाल, शाकाहारी जानवरों के लिए ग्रास लैण्ड, शावक के लिए भोजन की व्यवस्था की वजह से बाघों की संख्या बढ रही है।