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लक्ष्मीगंज चीनी मिल चलाने की घोषणा नहीं होने पर 25 फरवरी को किसान मार्च की चेतावनी

कुशीनगर. भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने सहित 11 सूत्रीय माँगों का ज्ञापन 21 फरवरी को उपजिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि 24 फरवरी तक सरकार लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने की घोषणा नही करती है तो 25 फरवरी को पचास हजार किसानों के साथ लक्ष्मीगंज से पैदल जिला मुख्यालय पर मार्च किया जायेगा और घेरा डालों, डेरा डालो व  जेल भरो आन्दोलन शुरू किया जायेगा.

ज्ञापन में कहा गया है कि लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने के लिए 52 दिन लगातार अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया गया. अपर जिला अधिकारी कुशीनगर 22 जनवरी को आन्दोलन स्थल पर आये और प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्री को सम्बोधित मांग पात्र लिया. उन्होंने 20 दिन का समय मांगते हुए कहा कि यदि इस अवधि में सरकार लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने की घोषणा नही करती है तो किसान आन्दोलन शुरू कर सकते है| आज लगभग एक महीने से ऊपर हो गया सरकार ने लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने के लिये घोषणा नहीं की जो यह दर्शाता है कि बीजेपी सरकार के कथनी और करनी में कितना फर्क है.

भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई के अध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने कहा कि यदि 24 फरवरी तक सरकार लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने की घोषणा नही करती है तो 25 फरवरी को पचास हजार किसानों के साथ लक्ष्मीगंज से पैदल जिला मुख्यालय पर मार्च किया जायेगा और “घेरा डालों, डेरा डालों” व  जेल भरो आन्दोलन शुरू किया जायेगा. हमारा नारा है कि ‘ जो बन्द चीनी मिल चलवायेगा, वोट उसी को जाएगा ‘, ‘ लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चालू करो, वरना कुर्सी खाली करो.

इसके साथ ही हमारी मांग है कि केंद्र सरकार किसान आयोग का गठन करें और उसमें सिर्फ किसानों की भागीदारी हो और किसान को अपनी फसल का मूल्य स्वंय निर्धारित करने का अधिकार मिले. केंद्र सरकार देश के प्रत्येक व्यक्ति  जिसकी उम्र साठ साल से ऊपर है उसे दस हजार रूपये महीने पेंशन देने की व्यवस्था करे. स्वामीनाथन आयोग की संस्तुति को जल्द से जल्द लागू किया जाय, कुशीनगर में किसानों के गन्ने का भुगतान चीनी मीलों द्वारा 14 दिन में किया जाय, 14 दिन में भुगतान न होने पर बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज दिया जाय, राशन वितरण प्रणाली की नई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाय और इसे ठीक होने तक किसानों,गरीबों और मजदूरों को पहले की तरह सरकारी राशन जैसे पहले दिया जाता था वैसे दिया जाय, त्रिवेणी इंजिनियरिंग सुगर मिल (पंजाब), रामकोला द्वारा अपने क्षेत्र के गन्ने की पेराई न करके दूसरे क्षेत्र के गन्ने की पेराई करने पर रोक लगायी जायतथा पंजाब चीनी मिल रामकोला व कप्तानगंज चीनी मील की चिमनी से निकलने वाले राख को रोका जाय.

इस मौके पर हरी जी, कृष्ण गोपाल चौधरी, बबलू खान, रामाश्रय वर्मा, रामनारायण यादव,प्रभु भारती,भोरिक यादव,रधई प्रसाद,चांदबली, रमई गौड़, धीरज गौड़, द्वारिका वर्मा, रेश्मा खातून,मैना देवी,शमसुन नेशा, राजकुमार,कोदई,बदामी देवी,मुइली देवी,बुधिया देवी,सुशीला देवी,कैरन नेशा,सबुजनी देवी,शिवराजी देवी,तैबुन नेशा, धर्मा देवी, सुदर्शन,फूलपत्ती, कलपती देवी,जगदीश प्रसाद आदि मौजूद रहे.

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