डॉ. कफील की रिहाई के लिए धरने पर बैठे प्रसपा नेताओं को पुलिस ने जबरन हटाया

गोरखपुर. रविवार को मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील अहमद खान की रिहाई के लिए दीवानी कचहरी चौराहा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के नेताओं को पुलिस ने जबरन हटा दिया. जिले में यह पहला मौका है जब डॉ. कफील की रिहाई के लिए धरना का आयोजन किया गया था.

डॉ. कफील खान के ऊपर लगाए गए रासुका को हटाने और उनकी रिहाई की मांग को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का एक दिवसीय धरना दीवानी कचहरी स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष रविवार को शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। करीब एक घंटे से धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को पुलिस जब धरना स्थल से उठाने लगी तो कुछ कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। पुलिस ने जबरन बैनर झंडे को छीन लिया और खदेड़ दिया.

पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए जिलाध्यक्ष श्याम नारायण यादव ने अंबेडकर चौराहे से नगर निगम के रानी लक्ष्मीबाई पार्क तक डॉ.कफील की रिहाई एवं उन पर लगे रासुका को हटाने की मांग करते हुए पैदल मार्च किया.

नगर निगम में प्रसपा के महानगर अध्यक्ष हाजी तहव्वर हुसैन ने कहा कि योगी सरकार में अधिकार मांगना भी दुश्वार हो गया है. हम लोग डॉ अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष डॉ कफील की रिहाई एवं उन पर लगे रासुका हटाने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना शांतिपूर्ण ढंग से दे रहे थे. परंतु योगी सरकार में बेलगाम हो चुकी पुलिसिया मशीनरी ने संविधान में विश्वास करने वाले लोगों को धरने से उठाकर लोकतंत्र के ऊपर प्रहार किया है जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को संविधान बचाने की आवाज उठाने के आरोप में रासुका लगाया जाना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। यदि इसी तरह से सरकार लोकतंत्र की वकालत करना जुर्म मानती रही तो देश के अंदर लोकतंत्र और संविधान की हत्या होने से कोई रोक नहीं पायेगा। जो लोग अपने अधिकार के रक्षा की आवाज उठा रहे हैं। उन्हें जेल में बंद करने की धमकी दी जा रही है।

श्री हुसैन ने कहा कि यदि डॉ. कफील की अति शीघ्र रिहाई नहीं की गई और उन पर से रासुका नहीं हटाया गया तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन पर होगी। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि डॉ. कफील का मानसिक उत्पीड़न बंद किया जाए और उनके परिवार और उनकी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए।

जिलाध्यक्ष श्याम नारायण यादव ने कहा कि देश और प्रदेश से लोकतंत्र समाप्त होता जा रहा है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। भाजपा सरकार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं उन पर पुलिस का कोई अंकुश नहीं है लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस अपना दमखम दिखाकर अधिकार मांगने वालों पर दमन कर लोकतंत्र का गला दबा रही है। श्री यादव ने कहा कि एक संप्रदाय विशेष होने के नाते एवं अपने चहेते चिकित्सा सचिव को बचाने के लिए सरकार ने डॉ. कफील जैसे निर्दोष वह ईमानदार चिकित्सक को बिना कसूर जेल भेजने का काम किया था। उन्होंने कहा कि योगी सरकार उनके परिवार व उनका मानसिक रूप से उत्पीड़न कर रही है इस बदले की कार्रवाई से देश व प्रदेश के नागरिकों में आक्रोश है। डॉ. कफील के खिलाफ लगाए गए रासुका एवं उनके रिहाई को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी गंभीर है। श्री यादव ने डॉ कफील को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार लोकतंत्र की वकालत करने वालों पर जुल्म ढ़ा रही है।

इस मौके पर बृजनाथ मौर्य, वीरेंद्र यादव, जय शंकर पांडे, बच्छ लाल, महेश यादव, शिव शंकर वर्मा, प्रमोद यादव, धीरज गुप्ता, रूपेंद्र सिंह थापा, उमापति दूबे, धर्मदेव यादव, सोनू यादव, किरन लता, श्रीमती रीना शाह, अख्तर अली, जोगेंद्र यादव, जितेंद्र सिंह सैंथवार, अशोक कुमार, अभिषेक गिरी, शुभकरन प्रसाद, हफीज अहमद, अफरोज खान, योगेंद्र यादव, सनी यादव, शैलेंद्र यादव, नागेंद्र यादव, सूरज यादव, रामेश्वर, आकाश मौर्य, जितेंद्र, शैलेंद्र मौर्य एवं मुमताज अहमद आदि मौजूद रहे।